वनरक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी गोविंद तेतरवाल को 11 दिन की पुलिस रिमांड के बाद सोमवार को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया। कोर्ट ने भेजा जेल। एसओजी ने आज आरोपी को कोर्ट में पेश किया। गोविंद ने पूछताछ में तीन लोगों को पेपर बढ़ाना बताए। पूछताछ में गोविंद के साले की भूमिका भी संदिग्ध है वो फिलहाल फरार। एसओजी टीम फरार आरोपी की तलाश में लगातार जुटी। एसओजी के एएसआई सुनील कुमार ने बताया कि मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना, साजिश की परतें खुलने की उम्मीद। अब तक एस ओ जी टिम ने अब तक 35 आरोपी को जेल भेज चुकी है। गौरतलब है कि वनरक्षक भर्ती पेपर लीक का आरोपी जबराराम जाट था। सरकारी कर्मचारी गोविंद तेतरवाल 2013 से ही जबराराम के संपर्क में था। गोविंद जोधपुर में वाणिज्य कर विभाग (सर्कल-E) में UDC के पद पर कार्यरत था। मार्च में गोविंद कुछ दिन की छुट्टी लेकर चल गया था। लेकिन, फिर वह ड्यूटी पर नहीं लौटा। विभाग की ओर से लगातार गैर हाजिर रहने पर उसे नोटिस दिए गए। लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इसके चलते उसका वेतन भी रोक दिया गया था। SOG की टीम ने उसे 19 जून गुरुवार को गिरफ्तार किया और 20 जून को बांसवाड़ा कोर्ट में पेश किया। बांसवाड़ा कोर्ट में पेश कर 11 दिन के रिमांड पर लिया। सरकारी नौकरी से पहले चलाता था शराब की दुकान ASP भवानी शंकर ने बताया- गोविंद की 2018 में सरकारी नौकरी लगी थी। इससे पहले वह शराब की दुकान चलाता था। कल्याणपुरा में उसकी शराब की दुकान पर हीराराम नाम का सेल्समैन था। उस सेल्समैन के भाई ओमप्रकाश और बहन प्यारी को गोविंद ने 3.5-3.5 लाख रुपए लेकर पेपर पढ़ाया था। गोविंद ने अपने चचेरे भाई सुरेंद्र को भी 3.5 लाख रुपए लेकर पेपर पढ़ाया था। उसने यह रकम जबराराम को दी थी। हमने प्यारी को गिरफ्तार कर लिया है। ओमप्रकाश रिटन एग्जाम में फेल हो गया था। वह भी आरोपी है। गोविंद पर 3 लोगों (ओमप्रकाश, प्यारी, सुरेंद्र) से पैसे लेकर पेपर पढ़ाने और जबराराम तक पैसा पहुंचाने के आरोप हैं। गोविंद के परिवार में एक दर्जन लोग सरकारी नौकरी में हैं। ऐसे में सभी की बारीकी से जांच करेंगे। गोविंद की भूमिका की भी जांच करेंगे। बता दें कि वनरक्षक पेपर लीक मामले में गोविंद समेत अब तक 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। SOG के एडिशनल एसपी भवानी शंकर के सुपरविजन में यह कार्रवाई की जा रही है।

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