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वन स्टेट वन इलेक्शन BJP का पॉलिटिकल एजेंडा:डोटासरा बोले,यह चाहते कि पंचायतराज और निकाय चुनाव नहीं हो, मुख्यमंत्री-मंत्री के कहने से कानून नहीं बदलते

हाल ही में बजट में सरकार द्वारा वन स्टेट वन इलेक्शन की घोषणा लागू करने की बात पर आज पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा है। डोटासरा ने कहा कि यह बीजेपी का पॉलिटिकल एजेंडा है। यह तो चाहते ही नहीं कि पंचायतराज और निकाय चुनाव हो। दरअसल आज सीकर में जिले के प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने बजट घोषणाओं को लेकर बैठक की। इसमें लक्ष्मणगढ़ विधायक के रूप में डोटासरा शामिल होने के लिए पहुंचे। बैठक में फतेहपुर विधायक हाकम अली, खंडेला विधायक सुभाष मील, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी, सीकर विधायक राजेंद्र पारीक सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि वन स्टेट वन इलेक्शन सरकार का पॉलिटिकल एजेंडा है। यह चाहते हैं कि पंचायतराज और नगर निकाय के चुनाव हो ही नहीं, क्योंकि यह चुनाव हारेंगे। अभी आपने देखा होगा कि नगरपालिका,नगर निकाय और पंचायतराज के जो उपचुनाव हुए थे। उनमें मुख्यमंत्री के गृह जिले भरतपुर में जिला प्रमुख के चुनाव नहीं करवाए। भादरा में मतदान के दिन कांग्रेस के सारे पार्षद बहुमत के साथ में पहुंच गए थे। लेकिन इसके बाद में एसडीएम को जबरन छुट्टी दिला दी गई बीमारी के नाम से। यह बीजेपी वाले लोकतंत्र का खिलवाड़ तो करते ही हैं। यह बीजेपी की पुरानी आदत है। इसका तो हम उचित माध्यम से ही जनता को साथ लेकर गलत नीतियों का विरोध करेंगे। वन स्टेट वन इलेक्शन सक्सेस नहीं होगा। यह केवल मात्र प्रशासक लगाकर जनप्रतिनिधि को पंगु बनाना चाहते हैं। प्रशासक लगाकर अपनी सरकार का दुरुपयोग करना चाहते हैं जो हम नहीं होने देंगे। मंत्री झाबर सिंह खर्रा द्वारा आज पाली में दिए बयान पर डोटासरा ने कहा कि मैंने उनका बयान नहीं सुना। लेकिन जो कानून है, भारत या प्रदेश का। उस कानून के विपरीत कोई भी बात कर रहा हो तो वह गलत है। यदि कोई कानून आएगा तो उसके हिसाब से बात करेंगे। जब वह कानून विधानसभा में पारित होगा तो उस पर चर्चा होगी। यदि कानून पहले से है तो उन्हें कहने की कोई जरूरत ही नहीं होगी। जो भी कानून होगा उसके अनुरूप ही कार्य होंगे। किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या किसी नेता के कहने से कानून नहीं बदलते हैं। जिले के प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट के दूसरे दिन ही प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिव को स्पष्ट निर्देश दिए कि जो भी बजट घोषित हुआ है, जिसमें हर विधानसभा को टच किया गया है। उनका मानना था कि जो भी बजट में घोषणाएं हुई उनका क्रियान्वन शीघ्र से शीघ्र हो, इसके लिए हम अपने प्रभार के जिलों में आए हैं। मुझे बेहद खुशी है की सीकर और नीमकाथाना जिले के तमाम जनप्रतिनिधि बैठक में आए। आज बजट घोषणाओं को जल्द से जल्द क्रियान्वयन करने को लेकर निर्देशित किया गया है। जिससे कि अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को सरकार की योजना का लाभ मिल सके। यह लोकतंत्र की खूबी है, हम भले ही राजनीतिक रूप से अलग-अलग पार्टियों में है। लेकिन राजस्थान के विकास के लिए हम सब लोग एक हैं। संपूर्ण राजस्थान का विकास बिना किसी भेदभाव के हो। जनप्रतिनिधि चाहे किसी भी दल हो उसका सहयोग लिया जाएगा। वन स्टेट वन इलेक्शन पर बोलते हुए मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि यह बेहद सही घोषणा है। क्योंकि पिछले कई सालों हमने देखा कि चुनाव होने के चलते आचार संहिता लगने से काम बाधित होते लेकिन पंचायत समिति, नगर निकाय जैसे चुनाव एक साथ होने से आचार संहिता के चलते ज्यादा काम नहीं रुकेंगे।

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