पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि मौसम और इंसान कब बदल जाए कोई भरोसा नहीं। आजकल राजनीति में लोग नई दुनिया बसा लेते हैं, एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं, पर प्रो.सांवर लाल जाट ऐसे नहीं थे। वे मरते दम तक मेरे साथ थे। उन्होंने कहा कि भैरोंसिंह शेखावत, प्रो.सांवर लाल जाट और डॉ. दिगंबर सिंह के चले जाने से नुकसान हुआ। आज वे होते तो राजस्थान की राजनीतिक हालात कुछ और ही होते। राजे अजमेर जिले के सिरोंज गांव में पूर्व मंत्री प्रो. जाट की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि उनकी तरह प्रो. जाट भी राजनीति में पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरोंसिंह शेखावत की स्कूल के छात्र थे। उनकी अजमेर लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी, पर अनुशासित होने के कारण लड़े और जीते। राजे ने कहा कि उन्होंने 2018 में जब किसानों का 50 हजार तक का कर्जा माफ किया, तब सांवरलाल जाट होते तो बहुत खुश होते। अजमेर में बीसलपुर का पानी उन्होंने ही पहुंचाया था। उनकी चाह थी कि चंबल बेसिन का पानी बीसलपुर बांध में डले। हमने 2018 में ईआरसीपी शुरू की, जिससे सांवरजी का सपना पूरा होगा। उनके निधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा और राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति बताया था। उनके पुत्र विधायक रामस्वरूप लांबा उनकी सोच को आगे बढ़ा रहें हैं। ये थे मौजूद- केंद्रीय मंत्री भगीरथ चौधरी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, विधायक रामस्वरूप लांबा, विकास चौधरी, भैराराम सियोल, शंकर सिंह रावत, यूनुस ख़ान, प्रधान सीता पूनिया, प्रेम एमआर बेनीवाल, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री राजपाल शेखावत, डेयरी चेयरमैन ओम पूनिया, सरपंच रामलाल मीणा।