डीग में तैनात वाणिज्य कर विभाग के एसीटीओ को रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। व्यापारी की शिकायत पर संयुक्त शासन सचिव नथमल डिडेल ने निलंबन के आदेश जारी किए हैं। खेड़ली गुमानी निवासी एक व्यापारी ने एसीटीओ पर चार लाख रुपए नहीं देने पर फर्म को फर्जी बताने का आरोप लगाया था। जांच में लापरवाही सामने आने पर एसीटीओ के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जांच में लापरवाही आई सामने संयुक्त शासन सचिव नथमल डिडेल ने बताया कि सहायक वाणिज्य कर अधिकारी विद्यासागर शर्मा के खिलाफ शिकायत मिली थी। जिसकी जांच अतिरिक्त आयुक्त (AAR) द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि सहायक वाणिज्य कर अधिकारी ने राजकीय कार्यों में लापरवाही की है। उन्होंने अपने कामों में गंभीरता नहीं बरती। इससे विभाग की छवि भी धूमिल हुई है। बुधवार को जारी हुए निलंबन के आदेश उन्होंने कहा कि इस प्रकरण और अन्य मामलों में विद्यासागर शर्मा की भूमिका की जांच करवाई जाएगी। विद्यासागर शर्मा जांच को प्रभावित नहीं कर सकें, इसके लिए राजस्थान सिविल सेवाएं 1958 के नियम 13 के तहत तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है। नथमल डिडेल ने निलंबन के आदेश बुधवार को जारी किए थे। रिश्वत नहीं देने पर फर्म को फर्जी बता दिया नथमल डिडेल ने बताया कि फकरुद्दीन निवासी खेड़ली गुमानी ने 16 जून को मुख्य सचिव से शिकायत की थी, जिसमें बताया कि सहायक वाणिज्य कर अधिकारी विद्यासागर शर्मा और कनिष्ट वाणिज्य कर अधिकारी देवेंद्र शर्मा ने मेरी फर्म मैसर्स फकरुद्दीन ट्रेडिंग कंपनी की 12 जून को जांच की थी। जांच के दौरान दोनों अधिकारियों ने मुझसे कहा कि मैं डीग कार्यालय में आकर उनसे मिलूं। जब मैं डीग पहुंचा तो दोनों अधिकारियों ने मुझसे 4 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। जब मैंने रिश्वत के पैसे नहीं दिए तो, दोनों अधिकारियों ने मेरी फर्म को फर्जी बता दिया।