जयपुर| सवाई मानसिंह अस्पताल के ईएनटी डिपार्टमेंट में बधिर जांच में गड़बड़ी कई वर्ष से हो रही है। एक साल पहले ही दो युवक विकलांग कोटे में ऐसे ही फर्जी प्रमाण पत्र पर सरकारी नौकरी पा गए। दोनों युवक पुनः जांच में पकड़े गए। उनके खिलाफ दर्ज मामले में एसएमएस पुलिस थाने ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपी गड़बड़ी स्वीकार कर चुके हैं। एसएमएस थाने में यह मामला ग्राम सेवक की नौकरी पाने वाले करौली के राहुल कसाना और टीचर बने सवाई माधोपुर के प्रमोद सिंह के खिलाफ दर्ज कराया गया था। राहुल कसाना के पास जो बेरा जांच थी, उस पर एसएमएस के ऑडियोलॉजिस्ट राकेश अथवाल के हस्ताक्षर थे तथा प्रमोद कुमार की रिपोर्ट पर ऑडियोलॉजिस्ट सुचि के हस्ताक्षर थे। दोनों ने रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। आईओ राजेन्द्र का कहना है कि जांच जारी है। शेष | पेज 6