विद्या भारती राजस्थान द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान समारोह 5 जुलाई को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में आयोजित किया जाएगा। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्र कार्यवाहक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान जसवंत खत्री करेंगे। समारोह में योगी रमणनाथ महाराज, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कुंवर राष्ट्रदीप, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा विद् शिखा गुप्ता और विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री शिवप्रसाद शामिल होंगे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के परिणामों में 1926 छात्रों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। कक्षा 10वीं में 32 छात्रों ने 97.83% से अधिक और कक्षा 12वीं में 6 छात्रों ने 96.60% से अधिक अंक हासिल किए हैं। विशेष उपलब्धि के रूप में दिव्यांग श्रेणी के छात्र मृत्युंजय शर्मा ने 100% अंक प्राप्त किए हैं। विद्या भारती के राजस्थान में वर्तमान में 939 विद्यालय संचालित विद्या भारती के राजस्थान में वर्तमान में 939 विद्यालय संचालित हैं। सभी विद्यालय मातृभाषा माध्यम में शिक्षा प्रदान करते हैं। संस्था के विद्यालयों में 83 एटीएल लैब, 477 स्मार्ट बोर्ड और 257 विद्यालयों में आधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित हैं। विद्या भारती के पूर्व छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। वर्तमान में 45 आईएएस/आईपीएस, 253 आरएएस अधिकारी, 1320 सैन्य अधिकारी और 5000 से अधिक प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर विभिन्न सेवाओं में कार्यरत हैं। इस वर्ष यूपीएससी परीक्षा में संस्था के 9 पूर्व छात्रों ने सफलता प्राप्त की है। राष्ट्रीय स्तर पर विद्या भारती का पूर्व छात्र पोर्टल विश्व का सबसे बड़ा पूर्व छात्र नेटवर्क है, जिसमें 10.30 लाख पूर्व छात्र पंजीकृत हैं। इनमें से राजस्थान के 88,283 पूर्व छात्र शामिल हैं। 1014 एकल विद्यालय चलाये जा रहे उल्लेखनीय है कि सेवा क्षेत्र, सीमा क्षेत्र, जनजाति क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र में विद्या भारती राजस्थान की ओर से 1014 एकल विद्यालय चलाये जा रहे है। इसी प्रकार सेवा बस्तियों में शिक्षा व संस्कार देने की दृष्टि से 555 संस्कार केन्द्र भी चलाये जा रहें है। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान आज देश के सबसे बड़े शैक्षणिक आंदोलनों में से एक है. जो गुणवत्तापूर्ण (गुणात्मक) और संस्कृति. युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 1952 में गोरखपुर में एक विद्यालय से प्रारम्भ कर यह संस्था आज 684 जिलों में 12,118 विद्यालयों का संचालन कर रही है। विद्या भारती के विद्यालय देश के अनेक दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित हैं, इनमें जनजातीय इलाके और सीमावर्ती जिले शामिल हैं। भारत की सीमाएं पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, चीन और म्यांमार से लगती हैं, और इन 127 सीमावर्ती जिलों के 167 विकास खंडों में विद्या भारती ने 211 विद्यालय स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त, संस्था देशभर में 8000 से अधिक अनौपचारिक शिक्षा केंद्र भी संचालित कर रही है, जो समाज के वंचित वर्ग को निःशुल्क शिक्षा सुविधा प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में 35.33 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं विद्या भारती के स्कूलों में अध्ययनरत हैं और उन्हें 1.53 लाख से अधिक शिक्षक शिक्षित कर रहे हैं। विद्या भारती के पूर्व छात्रों का नेटवर्क इसकी दीर्घकालिक शैक्षिक दृष्टि का सशक्त प्रमाण है। 10 लाख 30 हजार से अधिक पूर्व छात्र इसके पोर्टल पर पंजीकृत हैं, जिससे यह विश्व का सबसे बड़ा पूर्व छात्र संगठन बन गया है। ये पूर्व छात्र 87 से अधिक देशों में रहकर विविध क्षेत्रों में में योगदान दे रहे हैं और अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान प्राप्त सेवाए संस्कृति और प्रतिबद्धता के मूल्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। विद्या भारती का संकल्प है सभी तक शिक्षा पहुंचे, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों, सीमावर्ती जिलों और शहरी सेवा बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए सस्ती और सुलभ शिक्षा की व्यवस्था हो।