हनुमानगढ़ के टाउन की अम्बेडकर कॉलोनी, नई आबादी, पारीक कॉलोनी, प्रेमनगर, रूपनगर के लोगों का बार-बार की जा रही विद्युत कटौती के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने आम आदमी पार्टी के बैनर तले थाली और डमरू बजाकर टाउन स्थित जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सहायक अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोगों ने एईएन के चैम्बर में ही धरना शुरू करते हुए विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों ने विद्युत सप्लाई की मांग पूरी नहीं होने तक चैम्बर से नहीं हटने की चेतावनी दी। आप के जिला संयोजक सुरेन्द्र बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश की सत्ता में जब से भाजपा की सरकार आई है। तब से बिजली को लेकर जो बड़े-बड़े दावे किए गए थे, ठीक उसके उलटे काम हो रहा है। मुख्यमंत्री के मंत्री, विधायक, शासन सचिवालय से जुड़े हुए सभी अधिकारी जयपुर मुख्यालय पर जहां बैठे हैं, वहां 24 घंटे बिजली की सप्लाई है। एक सेकेंड का भी कट नहीं लगता। उन्हें यह नहीं पता कि हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर पिछले एक सप्ताह से 24 घंटे में सिर्फ 4 घंटे बिजली आ रही है। हालात यह हैं कि लाइट कब आती है और कब जाती है, इसकी गिनती करते-करते लोग गिनती करना भूल गए हैं। अधिकारी जनता के पैसों से मौज उड़ा रहे हैं। जो जनता टैक्स के रूप में पैसे दे रही है, वह जनता गर्मी में मरने को मजबूर है। लोग सड़कों में सोने को मजबूर हैं। लोग यह भूल चुके हैं कि हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर किसी के पास बिजली का भी कनेक्शन है। बेनीवाल ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से अधिक-कम वोल्टेज के कारण घरों में विद्युत उपकरण जल रहे हैं। आज विभाग का कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। एईएन के ऑफिस में एसी चल रहा है। यहां हर समय लाइट रहती है जबकि इस भीषण गर्मी में टाउन शहर की अम्बेडकर कॉलोनी, नई आबादी, पारीक कॉलोनी, प्रेमनगर, रूपनगर, जंक्शन की आईटीआई बस्ती, सुरेशिया क्षेत्र सहित अन्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 में से 4 घंटे ही विद्युत सप्लाई हो रही है। विद्युत उपभोक्ताओं से बिजली खर्च का एक-एक रुपया वसूल करने के बावजूद हालात यह हैं कि जिला मुख्यालय के लोगों की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने में विद्युत विभाग नाकाम है। एसई से लेकर लाइनमैन तक उपभोक्ताओं के फोन नहीं उठाते। जनता के पैसों से ढाई-तीन लाख रुपए तक की तनख्वाह लेने वाले अधिकारी जनता की ही सुनवाई नहीं कर रहे हैं। सरकार आराम से सो रही है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। इसके खिलाफ थाली और डमरू बजाने का मकसद है कि जब थाली बजाने से कोरोना जैसी महामारी को भगाया जा सकता है तो शायद डमरू बजाने से बिजली के देवता (अधिकारी) जाग जाएं और थाली बजाने से बिजली आना शुरू हो जाए। जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वे एईएन के ऑफिस से नहीं हटेंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार उपभोक्ताओं की सुनवाई करते हुए उन्हें 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति करे। उधर एईएन मोहित कुमार ने बताया कि उमस भरी गर्मी और बारिश कम होने के कारण ट्रांसफॉर्मर और विद्युत तारों पर अधिक लोड है। लोड अधिक होने की वजह से लाइनों में फाल्ट की समस्या आ रही है। इस कारण दिन में कई बार सप्लाई बंद हो जाती है। कई जगह नए ट्रांसफॉर्मर रखवाए गए हैं। तारें भी बदलवाई गई हैं। वार्डों में भी शनिवार से आवश्यक कार्य करवाकर वार्डवासियों की समस्या का समाधान करवाया जाएगा।
विद्युत कटौती को लेकर थाली और डमरू बजाकर प्रदर्शन:एईएन के चैम्बर में दिया धरना, नारेबाजी कर किया प्रदर्शन
