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विद्युत लाइन की चपेट में आने से मौत:मुआवजा की मांग को लेकर धरने पर बैठे लोगों ने तार से नीचे नहीं उतरने दियाा शव

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महाजन कस्बे के समीपवर्ती गांव साबणिया में मंगलवार देर रात को खेत से लौट रहे युवक 11केवी विद्युत लाईन की चपेट में आने से मौत हो गई। सैकड़ों ग्रामीण मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे लेकिन शव को तारों से निकालने नहीं दिया। करीब पंद्रह घंटे तक मृतक का शव तारों में ही लिपटा रहा।
जानकारी के अनुसार साबनिया निवासी हंसराज मेघवाल पुत्र श्योपत राम मेघवाल उम्र 40 वर्ष हर रोज की तरह मंगलवार को खेत गया हुआ था। रात को करीब दस बजे बजे खेत से वापस आ रहा था तो रास्ते में 11 केवी की विद्युत लाइन की चपेट में आ गया। दरअसल, यहां तार इतने नीचे थे कि वो पैदल चलते हुए भी इन तारों की चपेट में आ गया। मौके पर ही हंसराज की मौत हो गई। बुधवार सुबह देखा तो लोगों ने शव देखा तो हंसराज के घर पर सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। ग्यारह हजार केवी के तार इतने नीचे होने के विरोध में ग्रामीणों ने सुबह ही धरना लगा दिया। जन प्रतिनिधि छगनलाल सियाग ने बताया कि गांव के पास से गुजरने वाली यह 11 केवी की विद्युत लाइन काफी लंबे समय से ढीली पड़ी है। जो जमीन से महज 4 से 5 फीट ही ऊंचाई पर है। जिसको दुरुस्त करवाने के लिए बार-बार विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया जा रहा था। मगर इन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे पूर्व भी इन तारों से एक दो पशुओं के भी दुर्घटनाग्रस्त होकर मरने जैसी घटनाएं हो चुकी है। घटना के बाद साबणीया सहित आसपास के सैकड़ो लोग मौके पर एकत्र हो गए। परिवार को मुआवजा देने की मांग करने लगे। इस अवसर पर नेता प्रभु दयाल सारस्वत भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने मृतक परिजनों के लिए एक करोड रुपए, परिवार के एक सदस्य को नौकरी व लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने व निलंबित करने की मांग करने लगे। मगर प्रशासन की तरफ से विभागीय अधिशासी अभियंता सहायक अभियंता लूणकरणसर पुलिस उप अधीक्षक नरेंद्र पूनिया ,लूणकरणसर तहसीलदार, महाजन उप तहसील के नायब तहसीलदार सुंदर पाल गोदारा लूणकरणसर थाना अधिकारी महाजन थाना अधिकारी ही मौके पर पहुंचे। शव नहीं उतरने दिया तारों के बीच अटके हुए शव को ग्रामीणों ने नीचे नहीं उतारने दिया। हालांकि बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है लेकिन ग्रामीणों ने शव को वहां से तब तक नहीं हटाने का निर्णय किया है, जब तक कि मांगों पर सहमति न बन जाए। बुधवार शाम तक भी हंसराज का शव वहीं पड़ा रहा। ग्रामीण इस लाइन के पास ही धरना लगाकर बैठे हैं।

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