जैसलमेर विधायक छोटूसिंह ने विधानसभा में नियम 295 के तहत सरकार का ध्यान आकर्षित किया। एमएलए भाटी ने जैसलमेर के भूमिहीन किसानों का मामला उठाते हुए उन्हें भूमि अलोट करवाने की मांग की। भाटी ने कहा कि सरकारें निजी कंपनियों को लाखों बीघा जमीन आवंटित करती आ रही है मगर किसानों को अभी तक खेती के लिए भूमि नहीं दी जा रही है। विधानसभा में जैसलमेर एमएलए भाटी ने कहा कि जैसलमेर जिले का दुर्भाग्य रहा कि 1970 से 1975 के बीच कुछ भूमिहीनों को ही बारानी भूमि आवंटित हुई। पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के बावजूद उसके बाद कोई आवंटन नहीं हुआ। पिछले 50 सालों में बारानी भूमि लगातार कम होती गई, लेकिन स्थानीय भूमिहीनों को कोई राहत नहीं मिली। कांग्रेस सरकार ने 26,335 आवेदन निरस्त कर दिए भाटी ने कहा- 2004 में भाजपा सरकार ने बारानी भूमि आवंटन के लिए आवेदन मांगे। लेकिन 2010 में कांग्रेस सरकार ने सभी 26,335 आवेदन निरस्त कर दिए। इससे स्थानीय भूमिहीनों के हितों को नुकसान हुआ। राजस्थान में जैसलमेर ही एकमात्र जिला है, जहां सोलर और अन्य कंपनियों को लाखों बीघा भूमि आवंटित हो रही है। लेकिन स्थानीय भूमिहीनों को कोई राहत नहीं मिल रही। वर्षों से मांग के बावजूद सरकारों का रुख सकारात्मक नहीं है। विधायक भाटी ने सदन में सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा कि क्या बारानी भूमि आवंटन की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार जैसलमेर कलेक्टर को भूमिहीनों से नए आवेदन आमंत्रित करने के निर्देश देगी।