जूनियर्स के अधीन काम करना होगा सीनियर्स को : डॉ. शिखा विधानसभा में चौमू विधायक डॉ. शिखा ने राजमेस के डॉक्टरों के साथ हो रहे दोयम व्यवहार पर कहा कि राजमेस कॉलेज जो फैकल्टी के अभाव में जूझ रहे हैं, वहां अनुभवी डॉक्टर नहीं है, जिससे बच्चों के भविष्य और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। फैकल्टी यहां इसलिए नहीं आना चाहती क्योंकि उनको पे-प्रोटेक्शन नहीं दिया जा रहा। हालांकि 15 जुलाई को आदेश निकाला है कि अगस्त 2024 के बाद नियुक्त होने वाले डॉक्टरों को राजस्थान सिविल सेवा नियम 2017 के प्रावधानों में लगाया जाएगा। इससे पहले के सभी डॉक्टर्स को डाइंग कैडर्स में रखा गया है। जो 750 डॉक्टर्स असिस्टेंट प्रोफेसर तक पहुंच गए, उन्हें फ्रेश जॉइन करना पड़ेगा और अपने जूनियर डॉक्टर्स के अधीन काम करना पड़ेगा। इन सभी डॉक्टरों को इसी नियम में कवर किया जाए। सरकार नियम पर पुन: विचार करे : विधायक पारीक सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक ने कहा कि जिन डॉक्टरों ने कॉलेज को अब तक चलाया उनको आरएसआर नियम से बाहर रखा है, इससे डॉक्टरों में आक्रोश है। इस नियम पर सरकार को पुन: विचार करना चाहिए। जोधपुर | राजमेस के मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत डॉक्टरों का डाइंग कैडर बनाने व पुराने डॉक्टर्स को आरएसआर नियम में नहीं जोड़ने का दैनिक भास्कर में मुद्दा उठने के बाद मामला विधानसभा में गरमा गया। शुक्रवार को खबर प्रकाशित होने के बाद विधानसभा में चौमू विधायक डॉ. शिखा मील, सीकर विधायक राजेंद्र पारीक, डीडवाना विधायक युनूस खान व फतेहपुर विधायक हाकम अली खान ने मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया। विधायकों ने भास्कर में प्रकाशित खबर के संदर्भ में कई ​बिंदुओं पर प्रश्न उठाए। राजमेस में कार्यरत डॉक्टर्स के संगठन ने डाइंग कैडर बनाने के विरोध में 22 जुलाई से सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया। अधिकार नहीं मिले तो 22 से सामूहिक अवकाश राजमेस के कॉलेजों में कार्यरत मेडिकल टीचर्स को आरएसआर रूल्स से वंचित रखने व डाइंग कैडर बनाने के विरोध में मेडिकल कॉलेज की टीचर्स एसोसिएशन ने 22 जुलाई को अवकाश पर जाने की सूचना विभाग के उच्चाधिकारियों को दी है। पदाधिकारियों ने कहा कि मांग नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।

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