विवादों के बीच दशहरे मेले के लिए आज विधिवत रूप से गणेश पूजन हुआ। कांग्रेस सरकार के समय बनी मेला समिति की ओर से ये आयोजन किया गया। गणेश पूजन में मेला समिति अध्यक्ष व कोटा उत्तर निगम की मेयर मंजू मेहरा व कांग्रेस पार्षद मौजूद रहे। इस आयोजन से बीजेपी पार्षदों ने दूरी बनाए रखी। दक्षिण निगम के मेयर व मेला समिति सदस्य राजीव भारती भी पूजन में नहीं आए। राजीव भारती चुनाव के समय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं दोनों निगमों के आयुक्त भी पूजन में नहीं पहुंचे। इस मामले को लेकर भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा से मुलाकात कर कांग्रेस सरकार के समय बनी मेला कमेटी को भंग करने की मांग की थी। इस बार कांग्रेस सरकार के समय बनी मेला कमेटी की ओर से ही गणेश पूजन किया गया। उत्तर निगम की मेयर मंजू मेहरा ने कहा कि देवशयनी एकादशी से पहले दशहरा मेले के लिए गणेश पूजन होता है। बार बार कहने के बाद भी दोनों निगमों की ओर से गणेश पूजन को लेकर कोई निर्णय नही लिया। इसलिए मेला समिति के सदस्यों व पार्षदों ने मिलकर लंबे समय से चली आ रही परंपरा के तहत गणेश स्थापना की है। मंजू मेहरा ने कहा कि दोंनो आयुक्तों को लेटर लिख चुके, अब पूजन के लिए निमंत्रण देने थोड़ी जाऊंगी। जबकि हर साल आयुक्त की ओर से गणेश पूजन का आयोजन किया जाता है। हमें निमंत्रण भिजवाते है। इस बार दोनों निगम की ओर से गणेश पूजन की पहल नहीं की।हमनें परंपरा का ध्यान रखते हुए गणेश पूजन किया है। अगर आज गणेश पूजन नहीं होता, तो दशहरा मेले की शुरुआत कैसे होती?अब सरकार इनको क्या आदेश देती है?जैसा भी इनको आदेश मिले वो वैसा काम करें। मेहरा ने कहा कि मैने सभी समिति के सभी सदस्यों को फोन किया, उत्तर-दक्षिण के पार्षदों को फोन करवाया। दोनों आयुक्तों को मैंने खुद फोन करके गणेश पूजन आयोजन के बारें में बताया था। पूजन में आना नहीं आना उनकी मर्जी। कोटा दक्षिण उप महापौर व मेला समिति सदस्य पवन मीणा ने कहा कि हमारा सभी का प्रयास है सालों से चली आ रही परंपरा को नहीं तोड़ा जाए। हमें लगता है कि कोटा उत्तर और दक्षिण के अधिकारी इस मेले को लेकर उत्साहित नहीं है। बार-बार उनको यू नोट दिया गया उनसे आग्रह किया गया, समय पर गणेश पूजन होना है। लेकिन उनका रवैया बहुत गलत दिख रहा है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में भी अधिकारी विवादों में उलझे रहेंगे। मेले को खराब करने की कोशिश करेंगे। उप महापौर ने कहा कि अगर सरकार को समितियां में बदलाव करना होता तो 6 महीने पहले ही कर देते। मेला समिति की जिम्मेदारी थी कि समय पर गणेश पूजन करवाए। समिति ने अधिकारियों से कहा। अधिकारियों ने समय पर निर्णय नहीं लिया। इसलिए कोटा उत्तर महापौर समिति सदस्य व पार्षदों से मिलकर गणेश पूजन किया।