जयपुर में डिजिटल अरेस्ट कर 23.56 लाख की ठगी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपियों ने पीड़ित को वीडियो कॉल कर फर्जी अदालत दिखाई। फिर जज बनकर पीड़ित को डराया। ठगी की रकम मिलने के बाद जयपुर के एक होटल में रुक कर वाईफाई का उपयोग किया। उसी वाईफाई से नेट बैंकिंग का यूज करते हुए ठगी की रकम को अलग-अलग बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया। बदमाशों ने 3 दिन तक उसी होटल के कमरे में रहते हुए चंडीगढ़ में 3 करोड़ और सोनीपत में 8 लाख रुपए की ठगी कर ली। साइबर ठगों ने बुजुर्ग काे 2.8 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया था। मामले में एक आरोपी को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। अब कुल चार आरोपी गिरफ्त में हैं। पढ़िए… मामले से जुड़ा सिलसिलेवार घटनाक्रम ठगों ने कॉल पर कहा- आपने 2.8 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की जयपुर साइबर क्राइम के पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार ने बताया- 27 मई को जयपुर के एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि 23 मई को उन्हें दो संदिग्ध मोबाइल नंबरों से कॉल आए। कॉल करने वालों ने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन से संजय कुमार बताया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 2 जनवरी 2025 को मुंबई से खरीदे गए एक मोबाइल नंबर का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और आपत्तिजनक मैसेज भेजने के लिए किया गया है। बताया गया कि उनके खाते में 2.8 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। इस कारण एक गैर-जमानती वारंट भी जारी हो चुका है। सीबीआई के फर्जी जांच अधिकारी से बात करवाई धोखाधड़ी को और पुख्ता बनाने के लिए ठगों ने पीड़ित को सीबीआई के फर्जी मुख्य जांच अधिकारी रोहित कुमार गुप्ता से बात करवाई। उसने भी उन्हीं बातों को दोहराया। इसके बाद बदमाशों ने पीड़ित को एक आवेदन लिखने और यह विश्वास दिलाने के लिए मजबूर किया कि उनका आधार कार्ड केनरा बैंक से जुड़ा है। उसका दुरुपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। उन्हें यह भी बताया गया कि उनके खाते फ्रीज करने और गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश हो चुके हैं। वीडियो कॉल पर फर्जी अदालत दिखाई ठगों ने वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल के जरिए एक अदालत का दृश्य भी दिखाया। इसमें एक व्यक्ति जज बनकर पीड़ित के सभी खातों को जब्त करने और राशि जमा न करने पर तुरंत गिरफ्तारी का आदेश देते हुए दिखाई दे रहा था। दबाव में आकर 26 मई को पीड़ित ने अपने बैंक खाते से रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के माध्यम से ICICI बैंक, सेक्टर 11, रोहिणी, नई दिल्ली में स्थित कृष्णा सर्जिकल के खाता संख्या 036705004759 में कुल 23 लाख 56 हजार रुपए भेज दिए। दिल्ली से लेकर सोनीपत तक फैले तार
जांच में पता चला कि झुंझुनूं निवासी सुरेश कुमार जाट का दिल्ली में मेडिकल में सर्जिकल आइटम का कारोबार था। उसमें घाटा हुआ तो भरपाई करने के लिए उसने डिजिटल अरेस्ट से ठगी करने की योजना बनाई। ऐसे में ठगी गई रकम का एक बड़ा हिस्सा कृष्णा सर्जिकल के खाते में गया था। पुलिस ने इस खाते के लाभार्थी सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र पुत्र बलबीर सिंह निवासी रामसिंहपुरा जिला झुंझुनूं को 30 मई को बागबन अपार्टमेंट थाना शाहबाद डेयरी, रोहिणी, नई दिल्ली से गिरफ्तार किया। 3 साथियों के साथ मिलकर राशि ठिकाने लगाई
पूछताछ में सुरेश ने बताया कि अन्य मामलों समेत कुल करीब 3 करोड़ की रकम को उसने तीन साथियों के साथ मिलकर ठिकाने लगाया। इनमें ओमप्रकाश उर्फ नितेश पुत्र कालूराम (23) निवासी राजपुरा पिपरेन, थाना सूरतगढ़ सदर, श्रीगंगानगर, वंशुल उर्फ आर्यन उर्फ प्रवीण पुत्र संजय श्योरन (19) निवासी जैतपुरा, थाना हमीरवास, चूरू शामिल हैं। इनके अलावा भूपेश फगेड़िया पुत्र भागीरथ (27) निवासी रामसिंगपुरा, थाना बिसाऊ, झुंझुनूं शामिल रहे। जांच अधिकारी नीरज मेवानी के नेतृत्व में हेड कॉन्स्टेबल दौलत राम, कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार, आनंद कुमार और बनवारी लाल की टीम ने तीनों आरोपियों को आज प्रोडक्शन वारंट पर जिला कारागृह सोनीपत से गिरफ्तार किया। आरोपियों के खिलाफ चार राज्यों में शिकायतें और मामले दर्ज हैं। ………………………………….. डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए..
पहली बार कैमरे पर डिजिटल अरेस्ट करने वाले लुटेरे:भास्कर रिपोर्टर 6 घंटे कैद रहा, रिकॉर्ड की हर साजिश, देखिए- कितने हाईटेक हैं ये ठग देशभर में डिजिटल अरेस्ट करने वाले ऑनलाइन लुटेरे। कभी फर्जी IPS तो कभी CBI अफसर बनकर हाईप्रोफाइल लोगों को देशद्रोही, आतंकी, रेपिस्ट, स्मगलर बताकर लाखों-करोड़ों रुपए लूट लेते हैं। पूरी खबर पढ़िए…
