धौलपुर में सर्राफा व्यापारी को गोली मारकर लूट करने मामले में पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर शहर में जुलूस निकाला। मामला जिले की बाड़ी कोतवाली का है। पकड़े गए तीन आरोपियों में एक बीजेपी से जुड़ा नेता बताया जा रहा है। 28 अप्रैल की रात 8 बजे कोतवाली क्षेत्र में रेलवे फाटक के पास बाड़ी के सर्राफा व्यापारी अनिल बंसल से मारपीट के बाद पैर में गोली मारकर लगभग 600 ग्राम सोने के गहने लूट लिए थे। बाड़ी एडिशनल एसपी कमल कुमार जांगिड़ ने बताया-28 अप्रैल की रात अनिल बंसल (42) लुहार बाजार स्थित अपनी दुकान बंद कर बाइक से घर लौट रहे थे। रेलवे फाटक के पास दो बदमाशों ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया और गहनों और नकदी से भरा थैला छीनने की कोशिश की। जब व्यापारी ने थैला नहीं छोड़ा तो बदमाशों ने उनके दाएं पैर की जांघ में गोली मार दी। गोली हड्डी में फंस गई, जिससे घायल अनिल बांसल को तत्काल बाड़ी से धौलपुर और फिर ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बदमाशों ने व्यापारी से लगभग 600 ग्राम सोने के गहने लूट लिए थे। घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर निधारा गांव (बाड़ी सदर) के शीशराम गुर्जर, तकीपुर गांव (कंचनपुर) से उसके जीजा रामनाथ गुर्जर और घेसुआ (कंचनपुर) से उनके साथी सचिन गुर्जर को गिरफ्तार किया है। मामले का मुख्य आरोपी निधारा निवासी हंसा उर्फ हंसराम गुर्जर अभी मौके से फरार है। पुलिस ने 4 दिन के रिमांड पर लिया
थाना अधिकारी अमित शर्मा ने बताया-तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए चार के रिमांड पर लिया गया है। आरोपियों का शहर के मुख्य बाजार से होकर जुलूस निकाला गया। पुलिस ने लूटी गई नकदी और सोने के गहने भी बरामद कर लिए हैं। सूत्रों के अनुसार आरोपी रामनाथ गुर्जर बीजेपी से जुड़ा बताया जा रहा है। वह कंचनपुर बीजेपी मंडल में किसान मोर्चा का अध्यक्ष रह चुका है। इसे लेकर धौलपुर बीजेपी जिला अध्यक्ष सत्येंद्र पाराशर ने कहा-विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक में बीजेपी का जिला अध्यक्ष हूं। रामनाथ गुर्जर नाम का कोई व्यक्ति बीजेपी में किसी भी मंडल में किसी भी पद पर नहीं है। अपराधियों और बदमाशों के लिए भारतीय जनता पार्टी में कोई स्थान नहीं है। बाड़ी में व्यापारी के साथ जो घटना हुई उसमें भी सीएम भजनलाल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढंम ने पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि वारदात का खुलासा जल्द से जल्द किया जाए, जो भी दोषी उन्हें बक्शा नहीं जाए।
