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शहरों में गांवों से ज्यादा हो रही बिजली चोरी:कंपनियों का घाटा 1.4 लाख करोड़ से ज्यादा; 90 करोड़ की चोरी पकड़ी

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राजस्थान में बिजली चोरी रोकना ऊर्जा विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष और मौजूदा वर्ष को मिलाए तो विजिलेंस शाखा ने 30 हजार कार्रवाई करके करीब 90 करोड़ की बिजली चोरी पकड़ी है। इसमें भी चौंकाने वाली बात ये है कि राजस्थान में गांवों के मुकाबले शहरों में बिजली चोरी के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार अगर किसी शहर में बिजली विभाग ने 300 जगह छापा मारा तो 290 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी गई है। वही अगर किसी गांव में 100 स्थानों पर छापा मारा तो 25 स्थानों पर ही चोरी पकड़ी गई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… जयपुर डिस्कॉम में बिजली चोरों पर कार्रवाई के लिए बनी विजिलेंस शाखा के एएसपी महेंद्र शर्मा ने बताया कि ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्र में बिजली की चोरी के प्रकरण ज्यादा सामने आ रहे हैं। कुछ मामलों से समझ सकते हैं कि शहरों में बिजली चोरी किस तरह बढ़ती जा रही है… फिलहाल यह सभी मामले सेटलमेंट कमेटी के पास सुने जा रहे हैं। साथ ही बिजली चोरी के इन आंकड़ों को लेकर ऊर्जा विभाग भी चिंतित है। विजिलेंस शाखा कार्रवाई तो कर आती है, मगर वीसीआर के सेटलमेंट के नाम पर मिलने वाली राहत का बडे़ उद्योग घराने सीधा फायदा लेते हैं। ऊर्जा विभाग का एक आदेश यही कहानी बयां कर रहा है। इस आदेश में कुल वीसीआर यानि बिजली चोरी की राशि को 10 प्रतिशत तक में निपटाने के आदेश जारी किए गए हैं। एक लाख तक के बिजली चोरी के केस पर चालीस प्रतिशत पर निपटाने के आदेश थे। वही एक लाख से अधिक की बिजली चोरी पर केवल दस प्रतिशत में चोरी की वीसीआर मामले की वसूली के आदेश जारी किए गए थे। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि मान लीजिए किसी एक उपभोक्ता के यहां बिजली चोरी पर 10 लाख की वीसीआर भरी गई तो… पहले एक लाख पर तो 40 हजार फिक्स देना है। साथ ही चालीस हजार का 25 प्रतिशत देना है। इसके बाद बचे नौ लाख का दस प्रतिशत। दस लाख की वीसीआर पर कुल अमाउंट बनेगा 40 हजार + 10 हजार + 90 हजार = 1 लाख 40 हजार रुपए घाटा एक लाख करोड़ के भी पार
राजस्थान में बिजली के बिलों में छूट देने से लेकर बिजली की छीजत यानी चोरी के चलते राजस्थान की बिजली कंपनियों को जबरदस्त घाटे का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान की तीनों बिजली कंपनियों का संचित घाटा 1 लाख 40 हजार करोड़ के भी पार पहुंच गया है। वहीं मौजूदा वित्तीय वर्ष पूरा होने पर यह घाटा दो लाख करोड़ पार होने की पूरी आशंका जताई जा रही है। मंत्री बोले- छीजत कम करने पर जोर
भास्कर से बातचीत में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि बिजली कंपनियों का बढ़ता घाटा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की देन है। प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस शाखा लगातार कार्रवाई कर रही है। शहरों में बिजली की चोरी पर प्रभावी कार्रवाई के लिए मुखबिर सिस्टम को और मजबूत बनाया जाएगा। ट्रांसमिशन मजबूत होना चाहिए
जयपुर डिस्कॉम के रिटायर्ड MD आरजी गुप्ता ने भास्कर को बताया कि राजस्थान में छीजत को रोकने के लिए काफी मशक्कत की जरूरत है। बिजली के ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत बनाने की आवश्यकता है, जिससे बिजली की चोरी पर अंकुश लगाने के साथ साथ बेहतर बिजली उपभोक्ताओं को दी जा सकेगी। ……………………………. बिजली चोरी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जयपुर में खिलौने-वाले रिमोट से कंट्रोल कर रहे थे मीटर: नहीं दिखती थी रीडिंग; बिजली चोरी करने पर कनेक्शन काटे, जुर्माना लगाया जयपुर में खिलौने वाले रिमोट से बिजली के मीटर की रीडिंग को कंट्रोल किया जा रहा था। बिजली विभाग की विजिलेंस टीम ने तीन घरों में यूजर्स पर जुर्माना लगाया। इन तीनों घरों में दो रिमोट से मीटर की रीडिंग को कंट्रोल किया जा रहा था। जयपुर में आदर्श नगर, भांकरोटा और खोह नागोरियान क्षेत्र में कुल 9 जगह कार्रवाई की थी। पढ़ें पूरी खबर…

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