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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ट्रांसफर की अर्जी लेकर पहुंची शिक्षिका से कहा कि आपके पति ने सोचा कि बच्चा मरे तो मरे पर पत्नी को नौकरी करनी चा​हिए। वहीं, एक छात्रा के अंग्रेजी में सवाल पूछने पर शिक्षा मंत्री अंग्रेजी न जानने का हवाला दे दिया। बारां जिला परिषद भवन में शुक्रवार को पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर खुली जनसुनवाई कर र​हे थे। ट्रांसफर की फरियाद लेकर आई टीचर से कहा: पैसे के लालच में तुम्हे वहां भेजा
बारां जिले के एक सरकारी स्कूल में पदस्थ थर्ड ग्रेड शिक्षिका भी जनसुनवाई में ट्रांसफर की फरियाद लेकर पहुंची। जहां शिक्षिका शिक्षा मंत्री के समक्ष बच्चे के अधिकांश बीमार रहने, सास-ससुर बुजुर्ग होने व परिवार के दूरस्थ अन्य जिले में होने की पीड़ा बताते हुए रोने लगी। इस पर बीमार बच्चे को जमीन पर लेटा रखा था। इस पर मंत्री दिलावर ने कहा कि पैसे के लालच में तुम्हे वहां भेजा है, वहां नहीं जाती तो नौकरी नहीं मिलती। आपके पति ने सोचा की बच्चा मरे तो मरे पर पत्नी को नौकरी करनी चा​हिए। बच्चे को परिवार के पास छोड़कर कर नौकरी कर लिजिए। ट्रांसफर से बैन खुलने के बाद ही तबादला हो सकेगा। एप्लिकेशन दे दीजिए। छात्रा से बोले शिक्षा मंत्री: बणा मैं तो अंग्रेजी न जाणू जनसुनवाई दौरान एक छात्रा ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर अंग्रेजी में मंत्री को पीड़ा बताई तो उन्होंने छात्रा से हाथ जोड़कर कहा ‘बणा मैं तो अंग्रेजी न जाणू, हिंदी में ही बता दे।’ इस पर छात्रा ने कहा कि आप तो शिक्षा मंत्री हो, आज के समय में हिंदी के तरह अंग्रेजी का भी महत्व है। छात्रा दामिनी सिंह ने शिक्षा मंत्री को बताया कि कि सरकारी स्कूलों में कहीं शिक्षक कम है, कहीं भवन बदहाल है, तो कई स्कूलों कंप्यूटर ही नहीं है। ऐसे में मध्यम व निम्न वर्ग के परिवारों के बच्चों को सरकारी स्कूलों के बजाय निजी स्कूलों में भेजना पड़ रहा है। छात्रा ने मंत्री से पूछा व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सरकार की ओर से क्या प्रयास किए जा रहे हैं? इस पर मंत्री दिलावर ने कहा कि सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं में काफी सुधार हुआ है। निजी स्कूलों के मुकाबले परीक्षा परिणाम भी अच्छे रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने का फोबिया बना हुआ है। इसका कोई कुछ नहीं कर सकता। बिजली कनेक्शन में देरी पर निगम अधिकारियों को दी हिदायत, मंत्री बोले- देरी करना भी भ्रष्टाचार
जनसुनवाई में आए एक फरियादी ने कहा कि उसका रीको एरिया में व्यवसायिक संस्थान है। जिस पर कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन के लिए उसने बिजली निगम में आवेदन किया था। निगम की ओर से उसे डिमांड नोटिस जारी किया था। उसने डिमांड नोटिस चार महीने पहले जमा करवा दिया। इसके बावजूद अब तक कनेक्शन नहीं हो सका है। कई बार दफ्तर के चक्कर काटने पर भी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जाता है। इस पर मंत्री दिलावर ने बिजली निगम एसई से जवाब मांगा। मंत्री ने एसई से विभाग के नियमानुसार डिमांड नोटिस जमा होने के बाद कितने दिन मे कनेक्शन जारी होने की बात पूछी। एसई ने एक माह में कनेक्शन देने की बात कही। मंत्री दिलावर ने नाराजगी जाते हुए कहा कि सेवा में श्रीमान लिखकर एप्लिकेशन देंगे तब ही आनंद आएगा क्या। लंबे समय से पेंडिंग सभी कनेक्शन जारी करों। उन्होंनें कहा कि जान बूझकर आमजन के कार्यों में देरी करना भी भ्रष्टाचार का इशारा करता है। ऐसा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गैरमौजूद रहकर पूरा मानदेय ले रहा शिक्षक
शाहाबाद क्षेत्र के एक फरियादी ने कहा कि उनके गांव में सरकारी स्कूल में शिक्षक द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। जिससे विद्यार्थियों को पढ़ाई में परेशानी आती है। उसने बताया कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक नियमित स्कूल नहीं आता है, फिर भी पूरा मानदेय ले रहा है। इस पर शिक्षा मंत्री दिलावर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए। उन्होंनें अधिकारियों से कहा कि पिछले दिनों सामने आए शिक्षक दंपती के मामले जैसा ही मामला तो नहीं है। ऐसे में इस मामले की पूरी जांच करवाकर उन्हें शीघ्र अवगत करवाए। अगर थोड़ी भी कोई लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। तालाब से मिट्टी खोदना मना नहीं
शाहाबाद क्षेत्र के एक व्यक्ति ने जनसुनवाई में कहा कि उसके खाते की जमीन पर मकान बनाने के लिए दो ट्रॉली बनास की रेत रखी थी। जिसके संबंधित रवन्ना व अन्य आवश्यक दस्तावेज भी मौजूद थे, लेकिन वन विभाग टीम ने मनमाने तरीके से उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी। इस पर वन विभाग टीम ने मामले की जांच करवाने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होंनें कहा कि किसी भी किसान को निजी उपयोग के लिए तालाब से मिट्टी खोदने से मना नहीं कर सकता है। इस पर कोई भी कार्रवाई भी नहीं कर सकता, बशर्ते ग्राम पंचायत इसकी परमिशन दे दें। इसके लिए पंचायत सबके लिए एक समान शुल्क निर्धारित कर सकती है।

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