श्रीगंगानगर जिले के केंद्रीय कारागृह में 2 दिवसीय विशेष योग शिविर का समापन हुआ। इस शिविर में कारागृह में निरुद्ध बंदियों को नशे की लत से बाहर निकालने और अपराध की प्रवृत्तियों से दूर रखने के उद्देश्य से योग अभ्यास कराया गया। शिविर में 80 पुरुष और 20 महिला बंदियों ने अभ्यास किया। मानसिक शांति के लिए विशेष योग क्रियाएं करवाई
पतंजलि योग पीठ, हरिद्वार और दिव्य योग मंदिर के वरिष्ठ योगाचार्य श्यामसुंदर शर्मा ने बंदियों को नशा मुक्ति एवं मानसिक शांति के लिए विशेष योग क्रियाएं करवाईं। उन्होंने प्राणायाम, ध्यान, अनुलोम-विलोम, कपालभाति सहित कई योग क्रियाओं के माध्यम से जीवन में आत्मनियंत्रण और संतुलन बनाए रखने के उपाय बताए गए। बंदियों को दी सलाह
योगाचार्य शर्मा ने बताया कि नशा न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नष्ट करता है, बल्कि उसका सामाजिक व पारिवारिक जीवन भी प्रभावित करता है। उन्होंने बंदियों को नशे से दूर रहने व योग के माध्यम से ही मानसिक संतुलन प्राप्त कर स्वयं को अपराध और नकारात्मक प्रवृत्तियों से बचाये जाने की सलाह दी गई। ‘आत्मसुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम’
शिविर के समापन पर जेल अधीक्षक डॉ. अभिषेक शर्मा ने कहा कि यह शिविर बंदियों के आत्ममंथन और आत्मसुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को निरंतर रूप से चलाने की योजना है ताकि बंदियों को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। बंदियों के लिए सकारात्मक वातावरण निर्मित हुआ है। उप कारापाल चरण सिंह, मुख्य प्रहरी मघाराम तथा जेल प्रहरी अनिल कुमार ने भी शिविर के दौरान और व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ बंदियों को नियमित योग करने के लिए प्रेरित किया।
