श्री सांवलियाजी में भीड़ के कारण अचानक भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर दौड़ने लगे। इससे कई लोग घायल हो गए। घायलों को हॉस्पिटल ले जाने के लिए मंदिर मंडल के कर्मचारी और चिकित्सकीय टीम जी-जान से कोशिशों में जुट गए। सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर आलोक रंजन, एसपी सुधीर जोशी, सहित सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने व्यवस्थाओं को जांचा और जरूरी निर्देश दिए। यह कोई असली का भगदड़ नहीं, बल्कि मॉक ड्रिल का आयोजन था। न्यू ईयर पर इस बार भारी भीड़ के एकत्रित होने के कारण प्रशासन ने इसका आयोजन करवाया। बता दें कि सांवरा सेठ की प्रसिद्धि बढ़ने के कारण विशेष दिनों में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। अनजान नंबर से आया श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना मंडफिया स्थित कृष्णधाम श्रीसांवलियाजी में श्रद्धालु लाइन में खड़े थे। मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी (प्रथम) शिव शंकर पारीक को एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन पर बताया गया कि सांवलिया जी मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ और भगदड़ से चार-पांच लोगों के घायल हो गए। जिस पर शिव शंकर पारीक ने तुरंत सुरक्षा प्रभारी भैरु गिरी गोस्वामी को घटना की जानकारी दी। सुरक्षा प्रभारी खुद तुरंत मंदिर पहुंचे और स्थिति को सामान्य पाया। इस बीच इसी प्रकार घटना की सूचना मिलने से चिकित्सकीय स्टाफ, चार एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और मंडफिया थाने की टीम मंदिर में पहुंच गए। इसके बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, सांवलियाजी मंदिर मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एडीएम (प्रशासन) चित्तौड़गढ़ प्रभा गौतम, अतिरिक्त जिला कलेक्टर भू.अ. रामचंद्र खटीक, सीएमएचओ ताराचंद गुप्ता, भदेसर एसडीएम सुधांशु ऋषि पांडे, भदेसर डिप्टी अनिल शर्मा, थाना प्रभारी गोकुल डांगी, चिकित्सा प्रभारी देव नराणियां, पूर्व थाना प्रभारी शीतल गुर्जर प्रसाद सिंह अधिकारी द्वितीय नंदकिशोर टेलर आदि मंदिर परिसर में पहुंच गए। यह फिलहाल एक मॉक ड्रिल था। माना जा रहा है कि लगातार प्रसिद्धि के बढ़ने के कारण भीड़ बढ़ती जा रही है। इस साल न्यू ईयर पर बहुत ज्यादा भीड़ हो गई थी। कोई अनहोनी ना हो, उसके लिए यह व्यवस्थाएं देखी गई। आसपास के सभी इलाकों का किया निरीक्षण सभी ने पहुंच कर श्रद्धालुओं की लाइन, कॉरिडोर, एंट्री और एग्जिट प्वाइंट देखा। जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने मंदिर में हर समय प्राथमिक इलाज के लिए मेडिकल किट की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा मंदिर के मुख्य एंट्री पर पूरे मंदिर का ब्लूप्रिंट लगाने के भी निर्देश दिए। जिसमें सभी कार्यालय और अन्य जरूरी बातें होनी चाहिए। इसके अलावा जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने मंदिर में लाइव दर्शन, वॉच टावर और क्लॉक रूम की व्यवस्था की जरूरत बताई। इसके साथ ही सिंहद्वार के निकट जिगजेग सिस्टम और कॉरिडोर में फोल्डिंग रेलिंग सिस्टम की भी चर्चा की गई। इसके बाद टीम ने सिंहद्वार और उसके सामने के क्षेत्र, यशोदा विहार चौक, कुरेठा नाका चौक, पार्किंग, नई धर्मशाला, गोशाला सहित पूरे मंदिर का निरीक्षण किया।

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