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अलवर में श्राची स्पोर्ट्स की सहायक कंपनी ई-एथलीड ने महागुरु का मास्टरक्लास नाम से नवाचार करते हुए डिजिटल क्रिकेट कोचिंग श्रृंखला की शुरुआत की है। जिसका उद्देश्य उभरते क्रिकेटरों और कोचों को उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह विशेषज्ञ-निर्देशित ट्यूटोरियल सीरीज़ विश्व कप विजेता पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संदीप पाटिल के मार्गदर्शन में और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी एनसीए के दिशानिर्देशों के अनुरूप विकसित की गई है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पूर्व क्रिकेटर संदीप पाटिल व दिनेश नानावटी ने कहा कि यह पहले कोलकाता और जयपुर में लॉन्च हो चुका है। इस पहल का उद्देश्य एनसीए आधारित कोचिंग कंटेंट को अधिक से अधिक कोचों तक पहुंचाना है। साथ ही युवाओं को उच्च-स्तरीय क्रिकेट प्रशिक्षण प्रदान करना है। पाटिल ने कहा कि यह हमारा पहला कैंप है। आगे ऐसे अनेक कैंप करेंगे। अब जमाना बदला है। आज का क्रिकेट अलग है। हम दिन में खेलते थे। अब रात में भी होता है। हमने अलवर को चुना है। छोटे जिले व गांवों में टैलेंट ढूंढ़ने की कोशिश है। बहुत से खिलाड़ी एमपी से निकले। आगे भारत के लिए भी खेले। इसलिए अलवर को चुना। यहां जयपुर व दिल्ली से भी खिलाड़ी आ सकता है। लॉडर्स इंस्टीट्यूटी में सुविधा है। यहां टैंलेंट को पूरा फायदा मिलेगा। यहां करीब 42 खिलाड़ी हैं। इनमें से एक खिलाड़ी का चयन किया है। हम चाहते हैं कि अलवर से आगे खिलाड़ी आगे बढ़ें। यहां टैलेंट के पीछे अच्छी मेहनत की जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह व्यापक श्रृंखला कुल 23 एपिसोड्स की है, जिसमें बल्लेबाजी पर आधारित 10 एपिसोड शामिल हैं। विकेटकीपिंग के लिए 4 एपिसोड राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कोच दिनेश नानावटी द्वारा संचालित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, गेंदबाजी और फील्डिंग पर 4 एपिसोड पूर्व क्रिकेटर और कोच गौतम शोम द्वारा निर्देशित किए गए हैं। समग्र प्रशिक्षण अनुभव देने के लिए 2 एपिसोड शारीरिक फिटनेस पर केंद्रित हैं, जिन्हें फिटनेस वैज्ञानिक राहुल पटवर्धन ने तैयार किया है। कार्यक्रम के दौरान संदीप पाटिल ने भारत में संरचित क्रिकेट कोचिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, एक जुनून है। फिर भी कोचिंग क्षेत्र काफी असंगठित है। बहुत कम प्रतिशत कोच ही प्रमाणित होते हैं। एनसीए हर साल सीमित संख्या में कोचिंग प्रोग्राम आयोजित करता है, जिसमें प्रत्येक राज्य से केवल कुछ ही कोचों को शामिल किया जाता है। यह पहल अधिक संख्या में कोचों को वही गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगी और देश में कोचिंग के ढांचे को मजबूत बनाएगी। साथ ही, जमीनी स्तर पर खेल रहे युवा खिलाड़ियों को भी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण नहीं मिल पाता, जिससे उनके तकनीकी विकास में बाधा आती है। ‘महागुरु का मास्टरक्लास’ इस कमी को दूर करने का प्रयास है।

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