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झुंझुनूं में संस्कृत भारती जयपुर प्रांत द्वारा भडौंदा के वृंदावन धाम में आयोजित पांच दिवसीय ‘भाषा बोधन वर्ग’ आवासीय शिविर का समापन समारोह हुआ। इस अवसर पर वक्ताओं ने संस्कृत भाषा के पठन-पाठन के महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही शिक्षार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। समापन समारोह के मुख्य अतिथि झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भाम्बू ने संस्कृत को सभी भाषाओं में सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि विश्व की अधिकांश भाषाओं में संस्कृत शब्दों का प्रयोग हुआ है, जो दर्शाता है कि ये भाषाएं भारतीय सनातन संस्कृति के ग्रंथ, संस्कृत की ऋणी हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष मनोज मील ने ‘सत्यमेव जयते’ जैसे आदर्श वाक्यों को संस्कृत की देन बताया। संस्कृत भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री कमल कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि संस्कृत और सनातन संस्कृति के लोप के साथ ही संस्कारों का भी ह्रास हुआ है। उन्होंने संस्कृत की अनूठी विशेषता बताई कि इसमें शब्दों का संयोजन कैसा भी हो, अर्थ में परिवर्तन नहीं आता, जिससे वाक्य अशुद्ध नहीं माना जाता। जिला जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि संस्कृत साहित्य में सकारात्मकता समाहित है। विजय गोपाल मोटसरा और नरेंद्र सिंह खेदड़ भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम आयोजक एवं जिला संयोजक कृष्णानंद ने बताया कि शिविर में 64 शिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन दीपिका ने किया। इस अवसर पर भडौंदा सरपंच सुरेंद्र झाझड़िया, कैलाश सुल्तानिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति और ग्रामीण उपस्थित रहे। यह शिविर संस्कृत भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उसके प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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