शहर में स्थित सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एकसाथ मंजूर हुए रेप्टाइल और नॉक्टाइल सेक्शन में से रेप्टाइल तो बनकर तैयार हो चुका है और उद्घाटन का इंतजार है। दूसरी ओर, नॉक्टाइल सेक्शन दो साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाया है। इसमेें अभी तक एक ईंट भी नहीं लगी है। इससे विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। रेप्टाइल सेक्शन शुरू होने के बाद पर्यटक कोबरा-सांप सहित अन्य सरीसृप देख सकेंगे, लेकिन नॉक्टाइल के तहत आने वाले चमकादड़ सहित अन्य रात्रिचर जीव देखने से वंचित रहेंगे। सेंट्रल जू ऑथोरिटी ने वन विभाग को 7 अप्रैल काे 2023 काे इन दोनों को शुरू किए जाने की अनुमति दी थी। पहले चरण में 10 प्रजातियाें के नाॅक्टाइल (रात्रिचर छोटे जीव) और 10 प्रजातियाें के रेप्टाइल (सरीसृप) जीव लाने की याेजना थी। इस काम के लिए 1.01 कराेड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। एनक्लोजर 0.2 हेक्टेयर एरिया में बनने थे। दाेनाें प्राेजेक्ट के लिए शुरुआत में स्वीकृत पूरा बजट रेप्टाइल सेक्शन बनाने पर खर्च कर दिया गया। इसके बाद और बजट की जरूरत हाेने पर जू ट्रस्ट से पैसा लेकर प्राेजेक्ट काे पूरा किया गया। रेप्टाइल सेक्शन बनाने पर कुल 1.91 कराेड़ रुपए खर्च हुए। इस पार्क में राेज 200 से 300 पर्यटक घूमने आते हैं। नाॅक्टाइल हाउस का भी समय पर पूरा हाेता ताे पर्यटकाें और बच्चाें के बीच यह वन्यजीव भी आकर्षण का केंद्र बनते। इसलिए अटका… टेंडर ही नहीं मंगाए, किए भी तो लॉयन सफारी के रेप्टाइल सेक्शन के टेंडर तत्कालीन डीएफओ अरुण कुमार के समय हुए थे। पिछले साल फरवरी में उनका ट्रांसफर जयपुर हाे गया। उनकी जगह डीके तिवारी काे लगाया गया। इसके बाद रेप्टाइल सेक्शन पर तो काम जारी रहा, लेकिन नाॅक्टाइल सेक्शन के टेंडर की प्रक्रिया को आगे ही नहीं बढ़ाया गया। इसके बजाय लाॅयन सफारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसके लिए टेंडर किए गए और काम शुरू हो गया। हालांकि, इसके साथ ही नॉक्टाइल सेक्शन के काम के लिए भी टेंडर किए जा सकते थे। क्षेत्रीय वन अधिकारी गणेश गाेठवाल से बात की गई तो वे बोले कि अभी नाॅक्टाइल सेक्शन के प्राेजेक्ट पर काम शुरू नहीं हुआ है। टेंडर नहीं करने के सवाल पर चुप्पी साध गए। नाॅक्टाइल सेक्शन बनता तो दिखते बिज्जू, चमगादड़ सहित अन्य जीव : नॉक्टाइल सेक्शन के तहत रात में सक्रिय होने वाले छोटे जीव रखे जाते। इनमें स्लो लॉरिस, सेही, पेल हेजहॉग (बिज्जू), पाम सिवेट, स्माॅल इंडियन सिवेट, हनी बेजर, इंडियन पैंगोलिन, फ्रूट बैट (चमगादड़), बार्न आउल (खेतों में दिखने वाला) और लंबे कान वाला हेजहॉग आदि काे रखने की याेजना है। इन प्राेजेक्ट का काम पूरा