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बाड़मेर के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में बजट पर बोलते हुए कहा बजट से पहले तमाम प्रकार की मांग सरकार के सामने रखी। इन्होंने सुझाव मांगे भर-भर के सुझाव भेजे। बजट में एक भी जगह शिव विधानसभा का नाम नहीं डाला गया। मेरे शिव विधायक की तमाम उन जनता ने पूछा कि साहब क्या हुआ शिव का नाम क्यों नहीं आया। मैंने कहा कि साहब इनको मेरा लोकसभा चुनाव लड़ना रास नहीं आया। भाटी ने मांग की सड़क से सदन की लड़ाई को आगे नहीं बढ़ावे, और सीमांत के लोगों की आवाज को सुने और सुविधाएं दिलाए। दरअसल, भजनलाल सरकार के पहले फुल बजट के पिटारे में शिव विधानसभा में स्पेशल एक भी घोषणा नहीं हुई। इसके बाद शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने तेवर तेज कर दिए है। वहीं सदन में इसको पूरजोर तरीके से रखा। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी बजट पर बोलने के दौरान कहा कि मैं मेरी बात उस छोटे से गांव पादरिया से करना चाहूंगा। उस गांव हर दूसरा सदस्य फ्लोराइड पानी की वजह दिव्यांग है। डीएनपी इलाके में आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं भारी कमी है। पशुपालकों को कोई मेडिकल सुविधाएं नहीं मिली। युवाओं को कहा गया था कि आने वाले समय में बाड़मेर को दुंबई बनाएंगे। धीरे-धीरे उनके सपने चूर-चूर हो गए। उनको आज कोई रोजगार नहीं मिल रहा है। किसाना कृषि कनेक्शन का वादा किया था आज भी वो फाइल लेकर घूम रहे है। स्पीकर ने टोका कि हिंदी में बोले आपका भाषण नोट होगा, अगर नोट नहीं होगा तो क्या काम का आपका बोला हुआ भाटी को बोलेने के दौरान विधानसभा स्पीकर ने टोका और बोला कि आप हिंदी में बोलेगों तो एंट्री हो जाएगी। आज भी हमारे किसान भाई हाथ में पर्चिया लेकर घूम रहे है। पिछली सरकार ने तो कुछ नहीं दिया इस वजह से विपक्ष में बैठे है। मेरा सरकार और मंत्रियों से मांग है कि किसानों की आवाज को सुना, बिजली की वजह से वो किसान आत्महत्या करने के कगार पर आ गए है। सरकार ने कहा कि हम राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 3.50 मिलियन डालर ले जाएंगे। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि आप बात साढ़े तीन मिलियन डालर की बात तो कर रहो लेकिन सीमांत का क्षेत्र छोड़ दिया। स्पीकर ने फिर टोंकते हुए कहा कि आपके भाषण को रिकॉर्ड में लेना है या क्या करना है। रिकॉर्ड में लेने के लिए हिंदी में बोलोंगे तो हर शब्द नोट हो जाएगा। बजट एक ही जगह शिव विधानसभा का नाम नहीं, सरकार को लोकसभा चुनाव लड़ना रास नहीं आया भाटी ने कहा कि आज मेरा क्षेत्र इंदिरा गांधी विस्तार का इंतजार कर रहा है। इस बार के बजट में तमाम प्रकार की मांग सरकार के सामने रखी। इन्होंने सुझाव मांगे भर-भर के सुझाव भेजे। बजट में एक भी जगह शिव विधानसभा का नाम नहीं डाला गया। मेरे शिव विधायक की तमाम उन जनता ने पूछा कि साहब क्या हुआ शिव का नाम क्यों नहीं आया। मैंने कहा कि साहब इनको लोकसभा चुनाव लड़ना रास नहीं आया। विधायक ने कहा- मैं आपसे ही था, कोई और नहीं था, कई और से नहीं आया, गुस्सा हो तो मेरे निकाल लो, मेरे लोगों ने कुछ नहीं बिगाड़ा भाटी ने कहा- मैं आपसे ही था, कोई और नहीं था, कई और से नहीं आया था। अगर कोई रीस (गुस्सा) हो तो मेरे से निकाल लो, मेरे लोगों ने कुछ नहीं बिगाड़ा है। इस बजट में आपने सीमांत के उस लोगों को नकार कर उनके साथ कुठाराघात किया है। हम किसके लिए मांग रहे थे। उन लोगों के लिए जो आजादी के बाद तक उन अभावों में जी रहे है। बदले में उनको क्या मिला। मेरी प्रदेश की सरकार और मंत्रियों से मांग है कि अभावों में जी रहे लोगों की ओर आप देखे। देश और बॉर्डर तब मजबूत होगा तब सीमांत क्षेत्र के लोग मजबूत होंगे। उन युवाओं को रोजगार, किसानों को बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। आज के समय में कोई बात करने के लिए तैयार नहीं है। भाटी ने कहा- अगर कोई बात या कोई चीज है तो हमसे करें, सीमांत के लोगों सजा नहीं दे भाटी ने कहा कि अगर कोई भी बात या कोई चीज है तो आप हमसे करें उन सीमांत के लोगों को किसी भी चीज की सजा नहीं दें। मेरी मांग है कि आने वाले समय में सीमांत के लोगों को आप विशेष ध्यान रखे साथ ही साथ शिक्षा, चिकित्सा में हालात बद से बदतर हो रहे है। सारी सीटें खाली पड़ी है। पानी की कमी इस स्तर पर है जो नर्मदा नहर स्कीम 2017 में पूरी होनी थी वो अभी तक पेडिंग चल रही है। देश के आखिरी ब्लॉक के लिए मांगा था बस स्टैंड, डिस्कॉम में भ्रष्टाचार का आलाम विधायक ने जल जीवन मिशन पर अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है। काम आध अधूरा है। कोई मॉनिटरिंग किसी स्तर की नहीं है। भ्रष्टाचार की बात करें तो गडरा ब्लॉक की जो सीमांत आखिरी ब्लॉक है। वहां पर डिस्कॉम में एईएन, जेईएन से लेकर नीचे स्टोर कीपर तक भ्रष्टाचार में लिप्त है। कोई सुनने वाला नहीं है। किसान आज खून के आंसू रो रहा है। मेरी मांग है कि उस गडरा ब्लॉक में वहां पर एक बस स्टैंड की जरूरत थी। मैंने कई बार आपकी सरकार से मांग की थी। वो ब्लॉक देश का आखिरी बस स्टैंड है। आप बनावें। छोटी-छोटी चीजें हमारे लोग मांग रहे थे। वर्तमान में इस बजट में दे नहीं पाए मुझे लगता है कि हमारे लिए बजट निराशजनक रहा है। भाटी बोले-सड़क से सदन की लड़ाई को आगे न बढ़ाए, लोगों को सुने और सुविधाएं दिलाए भाटी ने लास्ट में एबीवीपी में था तब कहते थे कि कदम-कदम से लड़े थे तुमसे, कदम-कदम से लड़ेंगे तुमसे, दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेगें। वो तमाम लोग आज भी तैयार है मेरी मांग रहेगी कि सड़क से सदन की लड़ाई को आगे न बढ़ाए और सीमांत के लोगों की आवाज को सुने और सुविधाएं दिलाए।

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