भजनलाल सरकार ने पेपर लीक से जुड़ी 4 भर्तियों पर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में सरकार ने पेपर लीक माफिया के खिलाफ ठोस कार्रवाई का दावा करते हुए आंकड़े जारी किए हैं। इसके साथ कांग्रेस सरकार पर पीटीआई भर्ती में फर्जीवाड़े के मामले को दबाने का आरोप लगाया है। सरकार ने सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती-2021, पीटीआई भर्ती-2022, सीएचओ भर्ती-2022 और ईओ-आरओ भर्ती-2022 में की गई कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसमें एसआई भर्ती में 80 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी दिखाई गई है। वहीं, पीटीआई भर्ती में 185 अभ्यर्थी बर्खास्त किए गए हैं। सरकार ने कहा- हमने पिछले डेढ़ साल में 69 हजार पदों पर सरकारी नौकरी दी है, जबकि 1 लाख 88 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। इसमें एक में भी पेपर लीक का कोई मामला सामने नहीं आया। पहली बार आरपीएससी (RPSC) और आरएसएसबी (RSSB) ने भर्ती कैलेंडर जारी किया है। सालों बाद प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और ड्राइवर के पदों पर भर्ती हो रही है। एफएसओ के 198 पद, सूचना सहायक के 3415 पद और पशु चिकित्सा अधिकारी के 900 पदों पर लंबे समय से कोर्ट में भर्ती अटकी हुई थी। इस पर मजबूत पैरवी करते हुए इन भर्तियों से रोक हटवाई। पहली बार नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों पर कार्रवाई
सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती-2021 मामले की रिपोर्ट जारी करते हुए सरकार ने कहा- इस मामले मे एसआईटी अभी तक 53 ट्रेनी एसआई, 6 अभ्यर्थी (ट्रेनिंग में शामिल नहीं हुए) सहित 80 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। करीब 6 ट्रेनी एसआई अभी एसआईटी की रडार पर है। इनके खिलाफ एसआईटी को पुख्ता सबूत मिले हैं। ऐसे में इनकी जल्द गिरफ्तारी की संभावना है। सरकार ने कहा- यह भर्ती कांग्रेस के शासनकाल में हुई थी, लेकिन पिछली सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। PTI भर्ती में फर्जीवाड़े का मामला कांग्रेस ने दबाया
सरकार ने अपनी रिपोर्ट में पीटीआई भर्ती-2022 के आंकड़े जारी करते हुए कहा- 5546 पदों के लिए 25 सितंबर 2022 को लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी। भर्ती में दोगुना सफल अभ्यर्थियों को बुलाना था, लेकिन महज 18 अभ्यर्थी पदों के मुकाबले ज्यादा बुलाए गए। उसके बाद भी कट ऑफ में 56 नंबरों की वृद्धि देखी गई। फर्जीवाड़े की आशंका जताते हुए 900 से ज्यादा अभ्यर्थियों के संदिग्ध प्रमाण शिक्षा विभाग को सौंपे गए, लेकिन कांग्रेस सरकार पूरे मामले को दबा गई। बीजेपी सरकार बनते ही इसकी जांच करते हुए 200 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। 185 चयनित अभ्यर्थियों को बर्खास्त किया गया। फर्जी डिग्री जारी करने वाली ओपीजेएस और जेएस यूनिवर्सिटी के मालिक और दलालों को गिरफ्तार किया गया। शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी मनदीप सागवान, जगदीश सारण को भी इसी भर्ती के लिए गिरफ्तार किया गया। भर्ती में जांच चल रही है। वहीं, अन्य चयनित अभ्यर्थियों के दोबारा डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। सीएचओ भर्ती का पेपर वायरल हुआ था
सरकार ने कहा- कांग्रेस के शासनकाल के समय आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (संविदा) भर्ती-2022 के पेपर के अधिकांश सवाल सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो गए थे। लेकिन उसके बाद भी तत्कालीन सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। बीजेपी सरकार बनते ही 22 दिसंबर 2022 को पेपर रद्द करने का फैसला लेते हुए सरकार ने 3 मार्च 2024 को पूर्ण पारदर्शिता के साथ परीक्षा आयोजित करवाई। यह परीक्षा 3571 पदों के लिए आयोजित हुई थी। ईओ-आरओ भर्ती रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाई
इसके साथ ही सरकार ने राजस्व अधिकारी और अधिशाषी अधिकारी (ईओ-आरओ) भर्ती-2022 में फर्जीवाड़ा होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने का कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया। सरकार ने कहा- मुख्यमंत्री के निर्देश पर आरपीएससी ने भर्ती का फाइनल परिणाम जारी होने से पहले इसे रद्द कर दिया। वहीं, फिर से भर्ती आयोजित करवाकर अब रोजगार मेले में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।
