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राज्य सरकार एसआई भर्ती को रद्द नहीं करेगी। एडवोकेट जनरल (एजी) राजेंद्र प्रसाद ने कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट एडिशनल एफिडेविट के साथ कोर्ट में रखी। प्रसाद ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी ने भर्ती रद्द नहीं करने की सिफारिश की है। जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने अप्रूव किया है। इसके बाद कोर्ट ने सभी पक्षों रिपोर्ट की कॉपी देने के निर्देश दिए। 7 जुलाई को फाइनल सुनवाई होगी। सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि हम इस स्टेज पर भर्ती को रद्द नहीं कर सकते हैं। अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि कैबिनेट सब कमेटी ने चार सिफारिश की। याचिका को सारहीन मानते हुए खारिज किया जाए
चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट आरएन माथुर ने कहा कि सब कमेटी की रिपोर्ट कहती है कि अगर भर्ती को रद्द किया जाता है तो बड़ी संख्या में निर्दोष अभ्यर्थियों के साथ कुठारघात होगा। हमने कोर्ट को यह भी कहा है कि याचिका में एसआईटी सहित सरकार की पिछली सभी रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी। हालांकि अब सरकार की ओर से नई रिपोर्ट पेश की गई है, जिसे याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। ऐसे में याचिका को सारहीन मानते हुए खारिज किया जाना चाहिए। सरकार पावर का मिस यूज कर रही
वहीं सरकार की रिपोर्ट पर याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील मेजर आरपी सिंह और हरेंद्र नील ने कहा कि सरकार अपने पावर का मिस यूज कर रही है। पहले यही सब कमेटी भर्ती को रद्द करने की सिफारिश करती है और अब यही कमेटी भर्ती को जारी रखने की सिफारिश कर रही है। 26 मई को सरकार ने कोर्ट में कहा था- हम निर्णय लेना चाहते हैं
दरअसल, 26 मई को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने हाईकोर्ट में कहा था- हम भर्ती पर स्पष्ट निर्णय लेना चाहते हैं। जब मुझसे ओपिनियन ली गई थी तो मुझे बताया गया था कि भर्ती में 400 से 500 लोग लिप्त हैं। एसओजी अभी तक केवल 55 लोगों को गिरफ्तार कर पाई है। भर्ती में 800 से ज्यादा अभ्यर्थियों के भविष्य का सवाल है। कोर्ट ने सवाल किया था कि सरकार को निर्णय लेने में इतना समय क्यों लग रहा है? इस पर महाधिवक्ता ने कहा था- सीएम के स्तर पर निर्णय होना है, ऐसे में समय दिया जाए। वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि चार-चार एजेंसियां भर्ती रद्द करने की सिफारिश कर चुकी हैं। फिर भी सरकार निर्णय लेने में देरी कर रही है। हाईकोर्ट ने कहा था- परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं
15 मई 2025 को हुई सुनवाई पर भी सरकार ने अंतिम फैसला लेने के लिए हाईकोर्ट से समय मांगा था। उस समय जस्टिस समीर जैन की अदालत ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि 26 मई तक निर्णय नहीं हुआ तो प्रक्रिया में शामिल लोगों को परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उस समय सरकार ने प्रार्थना-पत्र पेश करके बताया था कि सरकार ने भर्ती पर निर्णय के लिए 13 मई को सब-कमेटी की मीटिंग बुलाई थी। ऑपरेशन सिंदूर के चलते कई मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो सके थे। वहीं, कमेटी के एक मंत्री अस्वस्थ होने के चलते नहीं पहुंचे थे। पिछली बार कोर्ट में कहा गया था कि सरकार ने 21 मई को सब कमेटी की बैठक रखी है, इसमें जो भी फैसला होगा। कोर्ट को अवगत कराया जाएगा। अब तक क्या-क्या हुआ… – RPSC ने साल 2021 में सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती निकाली थी। – भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे, सरकार ने जांच SOG को दी। – एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। – याचिकाकर्ताओं के वकील हरेंद्र नील ने बताया- जस्टिस समीर जैन की अदालत ने 18 नवंबर, 6 जनवरी और 9 जनवरी को पूरी भर्ती प्रक्रिया पर यथास्थिति के आदेश दिए थे। – हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने 10 जनवरी 2025 को आदेश जारी करते हुए भर्ती में फील्ड ट्रेनिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक आज भी जारी है। ……………………………….. एसआई भर्ती से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… SI भर्ती मामले में सरकार ने नहीं लिया अंतिम फैसला:हाईकोर्ट से कहा- CM व्यस्त थे, और समय चाहिए; 1 जुलाई को होगी अगली सुनवाई राजस्थान में SI भर्ती 2021 के मामले में सरकार अभी तक अंतिम फैसला नहीं ले सकी है। सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) विज्ञान शाह ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया और कोर्ट से अंतिम फैसले के लिए और समय मांगा। कोर्ट ने सरकार को अंतिम फैसले के लिए 1 जुलाई तक का समय दिया है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)

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