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सर्व वैष्णव समाज एक मंच पर, दिखी एकता की मिसाल:सभी परिवारों से आह्वान ‘विवाह के बजट का 1% हिस्सा शिक्षा के लिए भी समर्पित करें’

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जोधपुर के चौपासनी स्थित कुबेरगढ़ रिसोर्ट में सर्व वैष्णव समाज की ऐतिहासिक बैठक ने हुई, जिसमें संपूर्ण समाज की सहभागिता के साथ एकता की मिसाल देखने को मिली। इस बैठक में वैष्णव समाज के रामावत, रांकावत, धन्नावंशी, निरंजनी, दादूपंथी, कबीरपंथी समाज के प्रबुद्धजनों ने हिस्सा लेकर समाज में एकता, शिक्षा और उन्नति की नई अलख जगाई। समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने वैष्णव समाज के हर जरुरतमंद की उच्च शिक्षा में सहयोग का संकल्प लेने के साथ ही सामूहिक कार्यों पर मंथन कर समाज के सर्वांगीण विकास के लिए एकजुटता का संकल्प लिया। प्रमुख अतिथियों की मौजूदगी में एकता का बिगुल मुख्य अतिथि सीआरपीएफ के डीआईजी अशोक स्वामी, विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति के.डी. स्वामी और अतिरिक्त जिला न्यायाधीश राकेश रामावत की गरिमामयी उपस्थिति में बैठक का शुभारंभ हुआ। अध्यक्षता अखिल भारतीय रांकावत समाज दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक राजेन्द्र गोयल ने की। अखिल भारतीय वैष्णव एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी सुनील वैष्णव ने स्वागत उद्बोधन दिया। शिक्षा और सामाजिक विकास पर बल पूर्व कुलपति के.डी. स्वामी ने सभी छात्रावासों में समाज के विद्यार्थियों को प्रवेश देने, प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और अलग-अलग कार्यों के लिए समितियों के गठन की बात कही। चतुः सम्प्रदाय वैष्णव ब्राह्मण समाज अध्यक्ष लालदास टीलावत ने शिक्षा और राजनीति में पिछड़े समाज को आगे लाने का आह्वान किया। रांकावत समाज के अध्यक्ष श्याम गोयल ने एकता को आरक्षण का लाभ मिलने के लिए जरूरी बताया। गोविन्द मामडोली ने समाज की जनगणना की आवश्यकता जताई। सकारात्मक सहयोग और प्रेरक सुझाव धन्नावंशी समाज के छात्रावास अध्यक्ष जयनारायण धन्नावंशी, आबकारी निरीक्षक वीणा वैष्णव, एडवोकेट सपना वैष्णव, वरिष्ठ भाजपा नेता गिरधारी वैष्णव समेत अनेक गणमान्यजनों ने एकता के प्रयास को सराहा और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। रिजोनेन्स के सीईओ दिनेश वैष्णव ने आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को सहयोग और प्रतिभाओं को उच्च शिक्षा के अवसर देने का सुझाव दिया। एकरूप ‘वैष्णव’ उपनाम अपनाने का सुझाव अतिरिक्त जिला न्यायाधीश राकेश वैष्णव ने सभी धाराओं को एक सूत्र में बांधने और आरक्षण में भागीदारी के लिए ‘वैष्णव’ उपनाम अपनाने की बात कही। प्रशासनिक अधिकारी अमिताभ योगानन्दी ने इस बैठक को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। एडवोकेट एन.डी. निम्बावत ने संगठन का सूत्र ‘एक-दूसरे को समझे, रोजगार व शिक्षा पर ध्यान दे’ बताया। विवाह के बजट का 1% शिक्षा के लिए समर्पित करने का आह्वान वैष्णव एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेन्द्र वैष्णव ने सर्व वैष्णव समाज बंधुओं से अपने परिवार-रिश्तेदारी में होने वाले किसी भी वैवाहिक बजट का 1% हिस्सा शिक्षा के लिए देने की अपील की। डीआईजी अशोक स्वामी ने समाज निर्माण के लिए युवाओं को रोजगारोन्मुखी बनाने और भविष्य की योजनाओं की नींव मजबूत करने की बात कही। सुरेश व्यास ने संगठन का नाम ‘वैष्णव महासंघ’ रखने का सुझाव दिया। इस कार्यक्रम का गौरव स्टूडियो द्वारा यूट्यूब पर सीधा प्रसारण किया गया, जिसे देश-विदेश में हजारों समाज बंधुओं ने देखा और सामाजिक एकता की सराहना की। इन प्रबुद्धजनों की भी रही मौजूदगी कार्यक्रम के दौरान ओमप्रकाश लश्करी, वैष्णव छात्रावास के राजेश वैष्णव, राकेश रामावत, त्रिलोक वैष्णव, ओमप्रकाश चतुर्भुज, पुजारी महासभा के उपाध्यक्ष भलदास वैष्णव, पीपलदास वैष्णव, वैष्णव समाज संस्थान के राजेन्द्र वैष्णव, अमरदास वैष्णव, आनन्द वैष्णव, भंवरदास वैष्णव-सेखाला, देवेन्द्र वैष्णव, डाॅ. श्यामसुंदर वैष्णव, डाॅ. धनदास वैष्णव, गिरधारी वैष्णव-लीलिया, जे.पी. रामावत, कालूदास वैष्णव, कमल वैष्णव-बर, बजरंगदास वैष्णव, महेन्द्र वैष्णव, तारामणि रांकावत, गजेन्द्र योगानन्दी, राजेन्द्र-तनावड़ा, सवाईदास वैष्णव-कुड़ी सहित रामावत, रांकावत, धन्नावंशी, निरंजनी, दादूपंथी, कबीरपंथी समाज के प्रतिनिधि एवं गणमान्य उपस्थित रहे।

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