जिला परिषद की साधारण सभा की हाल में 17 जनवरी को हुई बैठक को लेकर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। जिसमें उपस्थित हुई वार्ड नंबर 26 की सदस्य राजकुमारी ने परिषद के सीईओ को लिखा है कि दबाव में हस्ताक्षर कराए गए हैं, उसकी ​उपस्थिति अवैध मानकर निरस्त की जाए। इधर कुम्हेर प्रधान रश्मि फौजदार ने सोमवार को सूचना के अधिकार के तहत जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक की कार्रवाई की नकल व संपूर्ण कार्रवाई की वीडियोग्राफी की सीडी मांगी है। इसके अलावा सीईओ से उक्त बैठक को कोरम के अभाव में निरस्त करने और कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाने के लिए लिखा है। दूसरी ओर प्रधान फौजदार ने मंगलवार को सीएम भजनलाल शर्मा को जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव को कार्यभार जिला प्रमुख एवं डीएम पद से हटाए जाने के लिए लिखा है और कोरम पूर्ति के बिना आयोजित बैठक में लिए गए निर्णयों को रद्द कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा कहा है जिला प्रमुख का शीघ्र चुनाव कराया जाए, जिससे विकास कार्य निष्पक्षता से सुचारू हो सकें। पंचायत समिति कुम्हेर की प्रधान रश्मि फौजदार ने मंगलवार को सीएम भजनलाल शर्मा को लिखा है कि जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव को डीएम भरतपुर के पद पर करीब 2 वर्ष हो चुके हैं, साथ ही वह जिला प्रमुख का कार्यभार भी संभाले हुए भी 1 वर्ष से अधिक हो गया है। इस दौरान यह देखा गया है कि वह अपने प्रशासनिक कर्तव्यों का सही ढंग से पालन करने के बजाय राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। 17 जनवरी को दोपहर 3 बजे जिला कलेक्टर कार्यवाहक जिला प्रमुख की अध्यक्षता में साधारण सभा की बैठक आयोजित की, जिसमें केवल 6 जिला परिषद सदस्य ही 3.30 बजे तक उपस्थित हुए। पंचायती राज अधिनियम में कोरम पूर्ति के अभाव में बैठक 30 मिनट में स्वत: निरस्त होने का प्रावधान है। इसके बाद 3.45 बजे बाद मीटिंग शुरू करने पर मैंने आपत्ति जाहिर की तो जिला कलेक्टर ने पहले कहा कोरम पूरा हो गया फिर मेरे द्वारा पूछने और गिरवाने के लिए कहा तब कलेक्टर बोले हो जाएगा। वह प्रशासनिक शक्ति का गलत उपयोग कर रहे हैं, उनके रवैये से भरतपुर की जनता न्याय की उम्मीद नहीं कर सकती। जिला परिषद सदस्य राजेश कुमारी ने सीईओ को सोमवार को लिखा है कि उन्होंने 17 जनवरी को दोपहर 3 बजे अनुपस्थित रहकर बहिष्कार किया था। इसी कारण वह बैठक में 3 से 4 बजे तक उपस्थित नहीं होकर बैठक का ​बहिष्कार किया था और कौन-कौन बैठक में उपस्थित हुए इसके परिणाम जानने की उत्सुकता व लालसा में 4 बजे के बाद बैठक भवन में गई, क्योंकि मीटिंग 3.30 बजे के बाद कोरम के अभाव में स्वत: ही समाप्त हो चुकी थी। लेकिन तभी किसी बाबू ने यह पूछा कि आप कौन हैं तो मैंने बताया कि मैं वार्ड नंबर 26 से सदस्य हूं तो वहां उपस्थित अधिकारियों ने मुझ पर दबाव बनाकर जबरन मेरे हस्ताक्षर करा लिए और वह हस्ताक्षर भी दबाव व जल्दबाजी में असल हस्ताक्षर की तरह मेरे हस्ताक्षर नहीं हुए, जबकि बैठक में कोरम पूरा नहीं हुआ था। शाम 4.02 बजे हस्ताक्षर कराए गए। इस प्रकार बैठक धारा 48 के अनुसार 3.30 बजे के बाद स्वत: ही स्थगित हो गई थी और कोरम भी पूरा नहीं हुआ था। मेरे हस्ताक्षर कोरम पूर्ति के लिए शुमार नहीं किए जाएं और बैठक की कार्रवाई को अवैध मानकर निरस्त किया जाए। क्योंकि, मैं मीटिंग में उपस्थित नहीं हुई थी ।

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