भारत की पहली बुलेट ट्रेन का ट्रायल सांभर झील के पास नावां कस्बे (डीडवाना-कुचामन) से करीब एक किमी दूर किया जाएगा। यहां पर हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक तैयार किया जा रहा है, जहां मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलने वाली ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की देखरेख में यह ट्रैक बन रहा है। मुंबई-अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबा हाई स्पीड कॉरिडोर तैयार हो रहा है। फिलहाल इसमें से 300 किलोमीटर हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है। अब सिर्फ पटरियों की बिछावट बाकी हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक तैयार किया जा रहा, देखिए PHOTOS… दुनिया के अन्य टेस्ट ट्रैक से कितना अलग
हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक के परीक्षण के लिए विशेष ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। गुढ़ा से मीठड़ी (ठठाना) तक बन रहे इस ट्रैक पर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह ट्रैक दुनिया के अन्य टेस्ट ट्रैकों से अलग होगा क्योंकि इसकी लंबाई अधिक है और इसकी डिजाइन हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है। रेलवे के अनुसार इस ट्रैक पर रोलिंग स्टॉक की सुरक्षा, गति और स्थिरता का परीक्षण किया जाएगा। परियोजना पूरी होने के बाद भारत हाई स्पीड तकनीक के परीक्षण में आत्मनिर्भर देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। हाई स्पीड कॉरिडोर में राजस्थान की हिस्सेदारी 75%
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को दिल्ली तक बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया गया है। इस प्रस्तावित 878 किमी लंबे हाई स्पीड कॉरिडोर में राजस्थान के कई बड़े शहर जैसे अलवर, जयपुर, अजमेर और उदयपुर शामिल होंगे। इस पूरे कॉरिडोर में राजस्थान की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। दिल्ली-अहमदाबाद कॉरिडोर का करीब 75% हिस्सा यानी 657 किलोमीटर ट्रैक राजस्थान से होकर गुजरेगा। इससे अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर जिले प्रभावित होंगे। कुल 335 गांव इस प्रोजेक्ट से सीधे जुड़े होंगे। 11 में से 7 स्टेशन राजस्थान में
इस हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए 11 स्टेशनों का प्रस्ताव है, जिनमें से 7 स्टेशन राजस्थान में होंगे। इनमें जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, डूंगरपुर (खैरवाड़ा) और अलवर (बहरोड़) शामिल हैं। बाकी चार स्टेशन गुजरात और हरियाणा में बनाए जाएंगे। जोधपुर में होगा टेस्ट ट्रैक
इस पूरे रूट में जोधपुर को यात्री कॉरिडोर से फिलहाल बाहर रखा गया है। हालांकि यहां हाई स्पीड टेस्टिंग के लिए एक विशेष ट्रैक तैयार किया जा रहा है। सांभर झील के पास बन रहा ट्रायल ट्रैक तकनीकी जांच और ट्रेन की टॉप स्पीड ट्रायल के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। —- बुलेट ट्रेन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… राजस्थान में बुलेट ट्रेन का ट्रायल ट्रैक, देश में पहला:मिट्टी में दबी थी अंग्रेजों की बनाई लाइन, सैटेलाइट से खोजकर बिछाया नेटवर्क राजस्थान में देश का पहला बुलेट ट्रेन ट्रायल ट्रैक बनकर लगभग तैयार हो चुका है। पहले फेज का काम सितंबर में पूरा होने के बाद 230 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से बुलेट ट्रेन का ट्रायल किया जा सकेगा। करीब 60 किलोमीटर लंबा यह रेलवे ट्रैक सांभर झील के बीच से निकाला गया है। यह वही ट्रैक है, जहां अंग्रेजों ने जयपुर-जोधपुर के लिए लाइन बिछाई थी, लेकिन 50 साल से यह लाइन मिट्टी में दब चुकी थी। रेलवे ने सैटेलाइट की मदद से इसे ढूंढा और नया नेटवर्क तैयार किया। ट्रैक में अलग-अलग स्ट्रक्चर जैसे- पुल, अंडर ब्रिज, ओवर ब्रिज बनाए गए हैं। इन स्ट्रक्चर से बुलेट ट्रेन को गुजारकर स्पीड का ट्रायल होगा। पढ़े पूरी खबर