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सांसद रोत ने माही के समझौते को बताया काला कानून:संसद में माही बांध के कारण विस्थापित हुए लोगों की मांगों को पूरा करने की रखी मांग

बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान क्षेत्र में माही बांध के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि माही बांध को लेकर जो समझौता राजस्थान और गुजरात सरकार के बीच 10 जनवरी 1966 में हुआ वो बांसवाड़ा-डूंगरपुर क्षेत्र के लिए काला कानून की तरह दर्ज हो गया। बांध बनने के बाद जो लोग वहां से विस्थापित हुए उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला और न ही जमीन उनके पास है। उन्होंने कहा- मेरा केंद्र सरकार से निवेदन है कि हस्तक्षेप करके जो 77 टीएमसी पानी है, उसका उपयोग राजस्थान के अंदर उपयोग करने का प्रयास किया जाए। समझौते में तय हुआ था कि नर्मदा का पानी गुजरात पहुंचेगा, उसके बाद राजस्थान सरकार निर्माण की लागत गुजरात सरकार को देगी और उसके बाद पानी स्थानीय लोगों के उपयोग में दिया जाएगा। अभी राजस्थान सरकार माही के पानी को जालोर, सिरोही और बाड़मेर तक लेकर जाने की बात कर रहे हैं लेकिन मेरे क्षेत्र की जनता को पानी नहीं मिल रहा है। इस समस्या का समाधान किया जाए।

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