साइबर ठगों ने जवाहर सर्किल के पास एक पांच सितारा होटल में कमरा लेकर मानसरोवर निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग संतोष कुमार काे डिजिटल अरेस्ट बताकर 23.56 लाख रुपए की ठगी की थी। ठगों ने होटल के कमरे काे ही काेर्ट रूम बनाकर मुख्य ठग ने अपने चचेरे भाई काे जज बना दिया। चचेरे भाई ने कोलाबा पुलिस मुंबई और सीबीआई अधिकारी से जांच करवाने का फर्जी वारंट दिखाकर साजिश को अंजाम दिया। बदमाशों ने 3 दिन तक उसी होटल के कमरे में रहते हुए चंडीगढ में 3 करोड़ रुपए व सोनीपत में 8 लाख रुपए की ठगी कर ली। साइबर ठगों ने बुजुर्ग काे 2.8 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया था। इससे पहले भी साइबर ठगों ने दिल्ली में रहते हुए हरियाणा व दिल्ली के लाेगाें काे कई बार ठगी का शिकार बनाया था। साइबर क्राइम में एसपी शांतनु कुमार की टीम ने मंगलवार काे सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र सिंह काे दिल्ली से गिरफ्तार किया था। मेडिकल के कारोबार में घाटा हुआ ताे ठगी का रास्ता चुना
झुंझुनूं निवासी सुरेश कुमार जाट का दिल्ली में मेडिकल में सर्जिकल आइटम का कारोबार था। उसमें घाटा हुआ ताे भरपाई करने के लिए उसने डिजिटल अरेस्ट से ठगी करने की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपने चचेरे भाई विजय काे एक साथ करोड़ों रुपए एक साथ कमाने की योजना बताई। साइबर क्राइम थाने की टीम ने विजय काे गिरफ्तार करने के लिए भीलवाड़ा, दिल्ली, हरियाणा में टीमें भेजी गई है। गिरोह में 5 लाेग है उनकी तलाश की जा रही है।
बैंक मैनेजर की सूझबूझ से 28 लाख रुपए बचे थे
एसपी शांतनु कुमार ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक शिप्रापथ के मैनेजर अंकित जैन की सूझबूझ से बुजुर्ग संतोष कुमार के 28 लाख रुपए ठगे जाने से बच गए। संतोष कुमार ने बैंक मैनेजर काे पत्नी के कैंसर का इलाज करवाने का बहाना बनाकर 28 लाख रुपए की एफडी काे तोड़ने काे कहा था। अचानक बीमारी की सुनकर अंकित जैन काे विश्वास नहीं हुआ वे संतोष कुमार के बैंक के नजदीक ही घर पहुंच गए। घर में बुजुर्ग दंपत्ति काे परेशान देखकर असलियत बताने काे कहा। तब बुजुर्ग ने रोते हुए अंकित जैन काे घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद अंकित जैन ने संतोष कुमार काे समझाया कि डिजिटल अरेस्ट जैसे काेई कार्रवाई नहीं हाेती। ये साइबर ठग है। जैन ने 1930 पर फोन करने के साथ उन्हें इस बारे में जानकारी दी। इसके बाद साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई। इस प्रकार मैनेजर अंकित कुमार ने बुजुर्ग के 28 लाख रुपए ठगने से बचा लिए। इतना ही नहीं ठग ने जिस खाते में रुपए डलवाए थे उसके बारे में पूरी जानकारी साइबर पुलिस काे उपलब्ध करवाई जिससे संभवतया: पहली बार राजस्थान में डिजिटल अरेस्ट मामले में ठग की गिरफ्तारी हाे सकी।