आषाढ़ माह बीत चुका है। सावन का महीना शुरू हो चुका है और आज सावन का पहला सोमवार है, लेकिन सवाईमाधोपुर जिले में अब तक मानसून की बेरुखी बनी है। स्थिति यह है कि अब तक जिले में औसत से आधी से भी कम बारिश हुई है। जिले में औसत बारिश साढ़े छह सौ एमएम है, जबकि एक जून से 22 जुलाई तक केवल 228.94 MM बारिश दर्ज की है। आषाढ़ के महीने में आसमान में उमड़ते रहे बादल बिना बरसे लौट गए। जिससे खेत सूखे ही रहे है। ऐसे में फसलों की सिंचाई का संकट बना हुआ है। उमस भरी गर्मी में हर कोई पसीना-पसीना नजर आ रहा है। चौथ का बरवाड़ा में हुई सर्वाधिक बारिश अब तक जिले में हुई औसत बारिश में चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र आगे रहा है। यहां अब तक 346 MM बारिश हुई है, जबकि मित्रपुरा तहसील में सबसे कम 153 MM ही बारिश दर्ज की गई है। जिला मुख्यालय पर भी अब तक केवल 277 एमएम बारिश ही हो सकी है। बारिश नहीं होने खेत सूखे जुलाई के 22 दिन बीत गए है। मानसून आते ही किसानों ने खेतों में बुवाई कर दी थी। अब मानसून की बेरुखी ने किसानों चिंताओं को बढ़ा दिया हैं। लगभग एक-दो बारिश के बाद आषाढ़ का पूरा माह ही सूखा बीत चुका है। बादलों की बेरुखी से किसान चिंतित हैं। किसानों ने बताया कि कुछ और दिनों तक यदि अच्छी बारिश नहीं हुई तो फसलें झुलस जाएगी।
सावन का महीना शुरू, लेकिन नहीं हुई बारिश:सवाई माधोपुर जिले में अब तक औसत से आधी बारिश हुई
