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पश्चिमी राजस्थान में बढ़ते सिंचाई और पेयजल संकट को लेकर श्रीगंगानगर सांसद कुलदीप इंदौरा के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सिंधु जल संधि के तहत राजस्थान के जल अधिकार और पंजाब से आ रहे दूषित पानी के स्थायी समाधान की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में रायसिंहनगर विधायक सोहनलाल नायक, सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर, श्रीकरणपुर विधायक रूपेंद्र सिंह रूबी कुन्नर और पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल शामिल रहे। जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर खरीफ बुवाई से पहले पानी छोड़े जाने की मांग रखी। बताया कि प्रस्तावित 20 दिन की नहरबंदी 35 दिन से ज्यादा हो चुकी है। इंदिरा गांधी नहर, भाखड़ा नहर और गंगनहर में नाममात्र पानी बचा है। इससे सिंचाई ही नहीं, पीने का पानी भी प्रभावित हो रहा है। सांसद इंदौरा ने कहा कि किसानों का धैर्य टूट रहा है। जल्द पानी नहीं छोड़ा गया तो खरीफ की बुवाई रुक जाएगी। कीट और रोगों का खतरा बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, उसे उसके हिस्से का पूरा पानी मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि वे प्रधानमंत्री से बात कर बीकानेर दौरे से पहले इस पर सकारात्मक घोषणा कराएं। प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब-हरियाणा जल विवाद में राजस्थान को लेकर फैली भ्रम की स्थिति पर भी चिंता जताई। कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी देने की बात से किसान असमंजस में हैं। राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों ने पंजाब से आ रहे दूषित जल पर भी गंभीर चिंता जताई। कहा कि नहरों में रसायनिक अपशिष्ट और सीवरेज मिलने से श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में कैंसर, हेपेटाइटिस और किडनी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रीय मुद्दा बनाया जाए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से भी मुलाकात कर इस मुद्दे पर संयुक्त समर्थन मांगा।

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