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जबलपुर जीआरपी पुलिस ने एक शातिर को गिरफ्तार किया है, जो सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर सेना के जवानों को ठगता था। ये ठग ट्रेन में चढ़कर जवानों के बगल में बैठ जाता था। फिर उनसे दोस्ती करके मोबाइल पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का पिन देख लेता था। इसके बाद बहाने से उनका मोबाइल लेकर फरार हो जाता था। जीआरपी के मुताबिक, राजस्थान के जोधपुर से पकड़े गए आरोपी का नाम अरविंद तिवारी उर्फ विराट (26) है। वह उत्तर प्रदेश के बलिया का रहने वाला है। उसने नेवी, आईटीबीपी और सेना के 6 से ज्यादा जवानों से लाखों की ठगी कबूली है। दरअसल, 6 जून को नेवी के एक जवान ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत जबलपुर जीआरपी से की थी। खोए हुए मोबाइल की लोकेशन जब पुलिस ने खंगाली तो वह उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित एक गांव में मिली। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन अरविंद उससे पहले ही जोधपुर चला गया। जहां से पुलिस ने उसे 8 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया, फिर 9 अप्रैल को जबलपुर ले आई। 6 जून को ट्रेन में नेवी के सैनिक को ठगा
अरविंद तिवारी उर्फ विराट 6 जून 2024 को गोदान एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ा और नेवी के जवान सांई कुमार के पास बैठ गया। खुद को सीआरपीएफ कर्मी बताकर उससे दोस्ती कर ली। अरविंद ने सांई कुमार से कहा कि उसके मोबाइल का रिचार्ज खत्म हो गया है। क्या सांई 250 रुपए कैश लेकर मोबाइल रिचार्ज कर सकता है? इस पर सांई ने अरविंद से पैसे लिए और उसका मोबाइल रिचार्ज कर दिया। सांई कुमार जब फोन-पे का पिन टाइप कर रहा था, उसी वक्त अरविंद ने इसे देख लिया। इसके बाद बातों-बातों में अरविंद ने कॉल करने के लिए सांई का मोबाइल मांगा। कुछ देर बाद जैसे ही सांई कुमार की नजर उससे हटी, वह फोन लेकर ट्रेन से उतर गया। मोबाइल से ट्रांसफर किए पैसे, कैश ले लिया
बीएससी पास अरविंद अच्छी अंग्रेजी बोलता है। एक तो सीआरपीएफ की वर्दी और दूसरा अंग्रेजी भाषा का उपयोग करने के कारण लोग उस पर शक नहीं करते थे। उसने सांई कुमार के मोबाइल से राजस्थान में एक व्यक्ति के बैंक खाते में यह कहते हुए 20 हजार रुपए ट्रांसफर किए कि एटीएम कार्ड घर पर छूट गया है। फिर उससे कैश ले लिया। पूछताछ के दौरान पुलिस को अरविंद ने बताया कि सांई कुमार के अलावा उसने 4 अक्टूबर को आर्मी जवान अजीत सिंह के साथ इसी तरह से करीब 50 हजार और आईटीबीपी जवान श्रीराम मालाकर से 97 हजार की ठगी की थी। महंगे शौक पूरे करने अपनाया ठगी का रास्ता
अरविंद ने जीआरपी को बताया कि इसी मार्च में उसने सतना जिले के रामपुर बाघेलान में रहने वाली महिला के साथ भी ठगी की थी। उसने ट्रेन में महिला से सीआरपीएफ जवान बनकर दोस्ती की। फिर मोबाइल रिचार्ज करने को कहा। इसी बीच अकाउंट का पिन नंबर देख लिया। इसके बाद काॅल करने के बहाने मोबाइल लेकर फरार हो गया। अरविंद ने बताया कि अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए वह 2015-16 से इसी तरह ठगी करता आ रहा है। गूगल में सर्च किया था ठगी का तरीका
अरविंद ने बताया कि ठगी का ये तरीका उसने गूगल से सर्च किया था। पहली बार जब उसने ये तरीका अपनाया तो सामने वाला व्यक्ति बड़ी ही आसानी से शिकार बन गया। अरविंद यह समझ चुका था कि आर्मी की वर्दी पहनकर सफर करने में न तो जीआरपी-आरपीएफ को शक होता था और न ही यात्रियों को। वह ठगी करने के बाद आसानी से भाग निकलता था। मोबाइल से जितना पैसा ट्रांसफर होता, वह कर लेता था। उसके बाद मोबाइल को बंद करके फेंक दिया करता था। जबलपुर जीआरपी ने अन्य जिलों के थानों में भी आरोपी की फोटो भेजकर सूचना दी है। अंदेशा है कि अरविंद के और भी कारनामों का खुलासा हो सकता है। ये खबर भी पढ़ें… बेटी बचाओ योजना के नाम पर 5 करोड़ की ठगी मध्यप्रदेश के बालाघाट में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है। पे-टू पे फाउंडेशन संस्था के जरिए आरोपी मल्टीलेवल मार्केटिंग के जरिए लोगों से 550 रुपए की रसीद कटवाकर मेंबर बनाते थे। बदले में बेटी की शादी पर एक लाख रुपए और गिफ्ट देने का वादा करते थे। दुर्घटना होने पर भी राशि देने का झांसा देते थे। पढे़ं पूरी खबर…

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