जयपुर-सीकर नेशनल हाईवे 52 पर बावड़ी बस स्टैंड के पास गुरुवार सुबह राष्ट्रीय पक्षी मोर की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई। घटना की जानकारी एक ट्रैक्टर चालक ने बावड़ी से पलसाना जाते समय घायल मोर को देखकर खंडेला वन विभाग के फॉरेस्टर जुगराज मीणा को दी। वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती इस घटना में विभाग की प्रतिक्रिया अत्यंत सुस्त रही। फॉरेस्टर मीणा ने पहले 10 मिनट में कर्मचारी भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन 20 मिनट बाद जब दोबारा संपर्क किया गया तो उन्होंने जिम्मेदार फॉरेस्टर के अनुपस्थित होने का हवाला देते हुए कार्रवाई में देरी की बात कही। राष्ट्रीय पक्षी की जान बचाने में वन विभाग की इस लापरवाही से क्षेत्र के ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि विभाग ने समय पर कार्रवाई की होती तो शायद मोर की जान बचाई जा सकती थी। ग्रामीण इस मामले में वन विभाग से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं और त्वरित कार्रवाई की कमी पर सवाल उठा रहे हैं।

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