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आखिरकार स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 का सर्वे अगले महीने होने के संकेत नगर निगम को मिल गए। आम जनता को राहत मिले नगर निगम इसके लिए काम करता नजर नहीं आ रहा। नगर निगम में ऊपर से नीचे तक सभी का फोकस इस बात पर है कि अगले माह प्रस्तावित स्वच्छता सर्वेक्षण में बीकानेर नगर निगम को नंबर कैसे ज्यादा मिलें। जाम सीवरेज और टूटी सड़कें स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया जाना है तो इनकी चिंता भी निगम को नहीं। दीवारों पर पेंटिंग और संदेशात्मक स्लोगन और चित्र सर्वे में नंबर दिला सकते हैं तो इस काम पर फोकस है। शौचालय की सफाई पर नंबर मिलने हैं तो इसकी नियमित जांच के लिए एक व्यक्ति अलग से तैनात कर दिया है। दरअसल 2024 में स्वच्छता सर्वेक्षण नहीं हुआ। पिछले साल मई में किए जाने थे मगर लोकसभा चुनाव के कारण रोक दिए गए। उसके बाद भी छह महीने बीत गए मगर सर्वेक्षण नहीं हुआ। अब खबर आई है कि टीम अगले महीने यानी मार्च में सर्वेक्षण के लिए आ सकती है। निगम को सर्वेक्षण टीम के आने के संकेत मिलते ही शहर के तमाम शौचालयों के निरीक्षण के लिए एक व्यक्ति को निर्धारित किया गया ताकि शौचालय साफ रहे। रोज वह व्यक्ति स्वास्थ्य अधिकारी को रिपोर्ट करता है। इसके अलावा तमाम मुख्य मार्गों से लेकर जूनागढ़ और कई हेरिटेज इमारतों पर वॉल पेंटिंग कराई गई है। हैरानी की बात ये है कि सर्वे टीम का जिन दो जगह फोकस रहेगा वहां तो निगम भी एक्टिव है मगर जहां उनका फोकस नहीं वहां के हालात बुरे हैं। जिस जगह सड़क जर्जर है उसी के पास वॉल पेंटिंग तो हो गई मगर सड़क का कोई धणीधोरी नहीं रही। सड़क तो दूर क्योंकि उसे ठीक करने के लिए बजट चाहिए मगर जिस सीवरेज पर बजट निर्धारित है और लाखों रुपए हर महीने खर्च किए जा रहे वो सीवरेज ही दुरुस्त नहीं है। मुख्य डाकघर से फड़बाजार की ओर जाने वाले रास्ते पर हालात नर्क जैसे हैं। इस 500 मीटर इलाके में सीवरेज नासूर बन गया। कई बार लोगों ने धरना दिया। प्रदर्शन किया। सड़क जाम भी की। सीवरेज की गाड़ियां जाकर कुछ देर ठहरकर वापस आ जाती। स्थायी समाधान निकल ही नही रहा। हैरानी की बात ये कि टीम अगर इस रास्ते निकले और फड़बाजार की सड़क पर झाडू लगी हो तो यहां नंबर मिलेंगे लेकिन सड़क पर फैले कीचड़ और सीवरेज के नंबर कटेंगे नहीं। स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर सिर्फ शौचालयों की सफाई, कूड़े के उठान पर ही मिलेंगे दीनदयाल सर्किल से करणीनगर के अंबेडकर भवन तक बीकानेर विकास प्राधिकरण ने बनाने के लिए एप्रूव की। टेंडर कर वर्कआर्डर भी कर दिया लेकिन रजिस्ट्रार आफिस से कुछ दूर चलकर सड़क के नीचे से गुजर रही सीवरेज लाइन डैमेज है। बीडीए ने सड़क बनाने से पहले उस जगह को देखा तो पाया सड़क बनने के बाद भी ये कभी भी बैठ सकती है। इसलिए बीडीए ने पहले निगम को इसे सही करने के लिए कहा। हैरानी की बात कि निगम को इस बात की चिंता नही और काम शुरू नहीं हुआ और बीडीए सड़क बनाने का इंतजार कर रहा है। दूसरा उदाहरण फड़बाजार के पास का इलाका है। यहां एक साल से लगातार सीवरेज जाम है। 500 मीटर ये चौखूंटी पुलिया से लेकर मुख्य डाक घर तक जगह-जगह सीवरेज आए दिन जाम रहता है। जगह-जगह लोहे के जाल लगे हैं। अब जाल भी बैठने लगे हैं। किसी दिन अगर जाल टूटा तो कार भी सीवरेज में समा जाएगी। कुछ जालों के सरिए निकल आए हैं। इससे भी उलझकर घटना हो सकती है। बाजारों में शौचालय की तात्कालिक समस्या हल नगर निगम ने हाल ही में चार शौचालय पिंक बसें तैयार की है। उनको अलग-अलग जगह खड़ा भी किया जा सकता है। एक बस रतन बिहारी पार्क के पास कोने में खड़ी की गई। केईएम रोड, तौलियासर भैरूंजी गली तक जाने वाली महिलाएं इस शौचालय का उपयोग कर सकती हैं। दूसरी स्टेशन रोड पर फोर्ट स्कूल के पास खड़ी की गई है इससे स्टेशन रोड और कटले जाने वाली महिलाएं यूज कर सकती हैं। दो बसें और लगाई गई हैं। इससे पहले सर्वे में इसके लिए नंबर काटे जाते थे लेकिन अब शायद अंकों में सुधार हो।

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