रविवार की शाम जयपुर में संगीत के सुरों से सराबोर हो उठी, जब सुर म्यूजिक एकेडमी द्वारा आयोजित ‘सुरीली शाम सुर के नाम’ कार्यक्रम में शहर के लगभग पचास सुर साधकों ने युगल गीतों की मधुर प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का आयोजन सिविल लाइन्स स्थित महावीर स्कूल ऑडिटोरियम में प्रसिद्ध गायक और संगीत निर्देशक आमोद चतुर्वेदी के निर्देशन में किया गया। इस विशेष संगीतमयी शाम में 5 वर्ष के बालक से लेकर 75 वर्षीय वरिष्ठ कलाकारों ने भाग लिया, जिससे यह आयोजन एक अद्वितीय पीढ़ीगत संगम बन गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बॉलीवुड के 20 लोकप्रिय युगल गीतों की प्रस्तुतियां रही, जिनमें “रिमझिम के गीत सावन गाए”, “आगे भी जाने ना तू”, “तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया”, “रहे ना रहे हम”, “तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई” गाने खास रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ राग बागेश्री की बंदिश “कौन करत तोरी बिनती पियरवा” से हुआ, जिसे पूनम जैन, सीमा मुंजाल, मिथिलेश नाग और कनिका वर्मा ने प्रस्तुत किया। मंच पर एस्मा अग्रवाल, ममता भार्गव, कविता माथुर, अनूप जोशी, अलिंद गुप्ता, शुभा गुप्ता, शशि सिंह, इरा दुबे, डॉ. मंजू, गौरांग, जानवी, शमा, डॉ. कनिका वर्मा, डॉ. पंकज वर्मा, लोकेश सहल, शिवानी, वान्या, शनाया, डॉ. नीरज नागायच, शालिनी माटा, अमायरा, नियारा, यामिनी चतुर्वेदी, भावना, इंदू शर्मा और कई अन्य कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से समारोह को जीवंत कर दिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईपीएस अधिकारी परिस देशमुख, राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डी.एस. भंडारी, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आलोक चतुर्वेदी, संगीत आश्रम के सचिव अमित अनुपम, डॉ. ईश मुंजाल व डॉ. प्रवीण गुप्ता, जीएम – नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे अमिताभ समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम प्रबंधक वर्षा चतुर्वेदी और संचालक आभा द्विवेदी ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया। अंत में निदेशक आमोद चतुर्वेदी ने सभी कलाकारों, अतिथियों और संगीत प्रेमियों का आभार प्रकट किया।

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