अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर युवक कांग्रेस ने बजरंग गढ़ चौराहे पर विरोध प्रकट किया। सौन्दर्यीकरण करने को लेकर सेवन वंडर, फूड कोर्ट व गांधी स्मृति उद्यान निर्माण में शामिल अफसरों पर कार्रवाई की मांग करते हुए नुकसान की वसूली करने की मांग भी की। इस दौरान स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व अजमेर प्रशासन का पुतला भी जलाया। वहीं दूसरी ओर से सेवन वंडर, फूड कोर्ट व गांधी स्मृति उद्यान में कार्रवाई गुरुवार को बंद है। बता दें कि 10 व 11 मार्च को दो दिन यहां कार्रवाई हुई। इस दौरान स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की मूर्ति को हटाकर नीचे रखा गया। गांधी स्मृति उद्यान के गेट पर फुटपाथ कुछ जगह पर जेसीबी से उखाड़ा। फूड कोर्ट के तीन हिस्सों में से एक हिस्सा तोड़ा। अब आगे कार्रवाई कब होगी, इसको लेकर कोई अधिकारी अधिकृत जानकारी नहीं दे रहे हैं। युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मोहित मल्होत्रा ने बताया- अजमेर प्रशासन, एडीए प्रशासन, नगर निगम प्रशासन व स्मार्ट सिटी प्रशासन ने जो बिना सोचे समझे, गलत तरीके से ये निर्माण कर दिए। इनको अब तोड़ना पड़ रहा है। इससे जनता के गाढे़ पसीने की कमाई को बरबाद किया गया। यह कतई बर्दाश्त नहीं। इसमें जो नुकसान हुआ है, उसकी वसूली अफसरों से होनी चाहिए। इसके लिए यूथ कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। जरूरत पड़ी तो वार्ड स्तर पर जनता के बीच जाएगी। जब तक इन कारनामों में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती। यूथ कांग्रेस विरोध प्रकट करती रहेगी। अगर फिर भी प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगी तो आन्दोलन तेज किया जाएगा। इन IAS अधिकारियों के हाथ में रहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट… सेवन वंडर्स: निर्माण से तोड़ने तक की पूरी कहानी, 4 पॉइंट में… 1. परियोजना पर 11 करोड़ रुपए की लागत आई 2. पूर्व पार्षद ने एनजीटी में रिट दायर की 3. सुप्रीम कोर्ट का फैसला 4. 87 लाख रुपए सालाना में दिया था ठेका सेवन वंडर्स पार्क से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें- 1. अजमेर के सेवन वंडर्स पार्क पर चला बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक्शन अजमेर की आनासागर झील के किनारे बने सेवन वंडर्स पार्क को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हो गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत बने पार्क से झील के वेटलैंड के पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान पहुंचने की बात कही थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि निर्माण भले ही सुंदर हो, लेकिन नियमों का उल्लंघन हुआ है तो तोड़ना पड़ेगा। (पूरी खबर पढ़ें) 2. अजमेर के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी पर चला बुलडोजर: 11 करोड़ की लागत से बना था सेवन वंडर्स अजमेर में स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी सहित सेवन वंडर को अब तोड़ा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके निर्माण को वेटलैंड नियमों की अवहेलना माना है। आदेश में कहा- ‘जल निकायों, आर्द्र भूमि पर अतिक्रमण करके शहर कैसे स्मार्ट बन सकते हैं?’ (पूरी खबर पढ़ें) 3. NGT में मामला जाने के बाद बनाया, अफसर जिम्मेदार भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नगर निगम के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने इस मामले में सबसे पहले एनजीटी में वाद दायर किया था। एनजीटी में उनकी ओर से दायर याचिका पर 21 दिसंबर 2022 को निर्णय आया था। तब तक सेवन वंडर का निर्माण नहीं हुआ था और पाथ वे का निर्माण चल रहा था। (पूरी खबर पढ़ें) 4. सेवन वंडर्स से प्रतिमा हटाए जाने का विरोध, NSUI ने प्रदर्शन कर टायर जलाए एनजीटी के आदेश की पालना में सेवन वंडर्स से प्रतिमा हटाए जाने के दौरान बाहर सड़क पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर विरोध जताया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो और उनकी सैलरी से निर्माण राशि वसूली जाए। (पूरी खबर पढ़ें) 5. अजमेर में सेवन वंडर्स को तोड़ने की कार्रवाई रुकी:सुप्रीम कोर्ट ने दिया था तोड़ने का आदेश; अधिकारी बोले- इसकी जानकारी नहीं सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बाद अजमेर के आनासागर के वैटलैंड और ग्रीन बैल्ट क्षेत्र में चल रही अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई तीसरे दिन पूरी तरह से बंद रही। मंगलवार को सेवन वंडर पार्क से सिर्फ स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी की प्रतिमा को हटाकर नीचे रखा गया था। (पूरी खबर पढें)