अजमेर में डेयरी बूथ पर स्टे के बावजूद निगम की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर बूथ संचालक ने गुरुवार को कोर्ट में अवमानना याचिका पेश की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर, निगम आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। नोटिस देकर कोर्ट के आदेश की अवमानना पर जवाब देने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई को रखी गई है। एडवोकेट संजीव रोयला ने बताया- बीके कॉल नगर में पीड़ित कर्तव्य मीणा को 2010 में 98 नंबर का बूथ आवंटित हुआ था, जिसका संचालन पीड़ित की ओर से किया जा रहा था। निगम की ओर से जबरन उन्हें हटाने के लिए कहा गया। धमकी तक दी गई। पीड़ित ने एडवोकेट के जरिए सिविल न्यायालय पश्चिम कोर्ट में वाद दायर किया था, जो कि मामला लंबित है। एडवोकेट ने बताया- मामले में 19 फरवरी 2025 को कोर्ट ने नगर निगम को कार्रवाई नहीं करने का स्टे ऑर्डर जारी किया था। 20 जून 2025 को निगम की ओर से डेयरी बूथ को तोड़फोड़ कर हटा दिया गया। बुधवार को पीड़ित ने कोर्ट में कोर्ट के आदेश को अवमानना मानते हुए याचिका पेश की। कोर्ट की ओर से कलेक्टर लोक बंधु, निगम आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। नोटिस के जरिए स्टे के आदेशों की अवमानना करने को लेकर जवाब मांगा है। 7 जुलाई को सुनवाई रखी गई है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया प्रताड़ित पीड़ित ने बताया कि 2010 से वह अपना बूथ रेगुलर संचालित कर रहे थे। जनवरी से निगम के कर्मचारी और अधिकारियों की ओर से प्रताड़ित किया जा रहा था। बूथ को हटाने की धमकी तक दी गई। इसे परेशान होकर न्यायालय की शरण ली थी। न्यायालय निगम को कार्रवाई पर स्टे के आदेश दिए थे। लेकिन इसके बावजूद भी निगम ने नोटिस देकर दूसरे दिन कार्रवाई को अंजाम दिया।

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