1003496865 1749311200 JXP5qI

चित्तौड़गढ़ जिले के सेमलपुरा क्षेत्र में 1 जून को हुए गोलीकांड के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों वे लोग हैं जिन्होंने गोलीकांड के बाद मुख्य आरोपियों को फरार होने में मदद की और उन्हें छिपाया। इससे पहले पुलिस ने एक दिन पूर्व गिरफ्तार हुए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया और शहर में इनका जुलूस निकाला गया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। 1 जून को हुई थी हत्या 1 जून की रात निंबाहेड़ा निवासी 33 वर्षीय अजयराज सिंह झाला सेमलपुरा के पास स्थित एक होटल में खाना खा रहा था। उसी दौरान कुछ बदमाश वहां पहुंचे और अजयराज को घेरकर उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली उसके सीने में लगी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद हमलावरों ने मौके पर खड़ी दो कारों को भी आग के हवाले कर दिया और वहां से फरार हो गए। यह वारदात सुनियोजित थी और शहर में सनसनी फैल गई। हत्या और आगजनी की इस वारदात को लेकर पुलिस ने तुरंत सख्त रुख अपनाया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई, तीन आरोपी पहले हो चुके गिरफ्तार घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की। एएसपी सरिता सिंह के निर्देशन और डीएसपी विनय चौधरी के नेतृत्व में जांच शुरू हुई। टीम ने जांच करते हुए सबसे पहले तीन मुख्य आरोपियों हर्षवर्धन सिंह, मनोज चौधरी और बद्रीलाल जाट को डिटेन कर गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ अन्य लोग इन मुख्य आरोपियों को फरार होने में मदद कर रहे थे। इस पर पुलिस ने और गहराई से जांच की। शरण देने वाले तीन आरोपी भी पकड़े गए मुख्य आरोपियों की मदद करने और उन्हें छुपाने वाले तीन और आरोपियों को पुलिस ने डिटेन किया और चित्तौड़गढ़ लाकर गहन पूछताछ की। पुलिस ने भीलवाड़ा निवासी सुरेन्द्रसिंह उर्फ शेरू पुत्र गणपतसिंह राठौड़, सुरेन्द्रसिंह पुत्र मांगूसिंह राठौड़, जैसलमेर निवासी सखी मोहम्मद उर्फ सलीम खान पुत्र दीनू खान से पूछताछ के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। इन पर आरोप है कि इन्होंने मुख्य आरोपियों को छिपाया, फरारी में मदद की और पुलिस की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया। कोर्ट में पेशी और जुलूस, देखने के लिए उमड़ी भीड़ गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गंगरार कोर्ट में पेश किया। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों का जुलूस भी निकाला। पहले कोर्ट परिसर और फिर शाम को चित्तौड़गढ़ शहर के सुभाष चौक और गोल प्याऊ इलाके में जुलूस निकाला गया। इस जुलूस को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने आरोपियों की हालत देखी, वीडियो बनाए और इस घटना पर जमकर चर्चा की। बहुत से लोगों ने इसे पुलिस की बड़ी सफलता बताया और कहा कि ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ग्रामीणों को डराते थे आरोपी, हत्याकांड के बाद भी एक्टिव थे सोशल मीडिया पर गिरफ्तार हुए सभी आरोपी लंबे समय से बजरी (रेत) के अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैं। ये लोग अपने रसूख के दम पर गांवों में लोगों को धमकाते और डराते थे। जानकारी के अनुसार हत्या के बाद भी ये आरोपी सोशल मीडिया पर सक्रिय थे, जिससे साफ होता है कि वे कानून से नहीं डरते थे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को इस गलतफहमी में रखा गया था कि वे बच निकलेंगे, लेकिन पुलिस की चौकस निगरानी और मेहनत से सभी की एक-एक कर गिरफ्तारी संभव हो पाई। गांव में भी निकाला गया जुलूस पुलिस ने चित्तौड़गढ़ शहर के अलावा आरोपियों के पैतृक गांव में भी जुलूस निकाला। इसका उद्देश्य था कि जो लोग इनसे डरते थे, उनके मन से डर खत्म किया जा सके और उन्हें यह भरोसा दिया जा सके कि कानून सबके लिए समान है। इस कार्रवाई से ग्रामीणों में काफी राहत की भावना देखने को मिली। आगे की जांच जारी, बाकी है और गिरफ्तारियां पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि अभी मामले की गहराई से जांच चल रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस हत्याकांड की पूरी साजिश किसने रची और इसके पीछे किसका दिमाग था। जरूरत पड़ने पर और भी लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है।

Leave a Reply

You missed