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सीकर की एडीजे कोर्ट संख्या-4 ने 10 साल पुराने हत्या के मामले में 7 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों को 20-20 हजार के जुर्माने से दंडित भी किया है। आरोपियों ने मृतक के घर की पानी की पाइप लाइन काट दी थी, जिसके बाद दो पक्षों में विवाद हो गया था। इस दौरान आरोपियों ने घर में घुसकर मृतक और उसके परिवार से मारपीट की थी। इसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। 10 साल तक मामला कोर्ट में चला और आज (मंगलवार) को आरोपियों को सजा सुनाई गई। जज वीरेंद्र कुमार मीणा (एडीजे कोर्ट संख्या-4) ने आरोपियों को सजा सुनाते समय टिप्पणी करते हुए कहा- मृतक याकूब की हत्या करने का अपराध आईपीसी की धारा-302 प्रमाणित पाया गया है। ऐसे में अपराध में नरमी का रुख अपनाया जाना नियोजित नहीं है, बल्कि आरोपियों को उचित दंड से दंडित किया जाना नियोजित प्रतीत होता है। अब पढ़िए पूरा मामला… सरकारी वकील व अपर लोक अभियोजक धर्मेंद्र सिंह कुड़ी ने बताया- 10 जुलाई 2015 को मृतक के चाचा बशीर खां निवासी मियां की ढाणी (सीकर) ने रानोली पुलिस थाने में दी रिपोर्ट में बताया था कि उसके भतीजे याकूब खां के घर की पाइपलाइन को आरोपी मुमताज खां ने काट दी थी। इस बात को याकूब खां ने गांव वालों को बता दिया। इसे लेकर याकूब व मुमताज खां में विवाद हो गया। 10 जुलाई को याकूब खां जुम्मे की नमाज पढ़कर अपने घर में आकर बैठा था। तभी आरोपी मुमताज खां, ईदू खां उर्फ हनीफ खां, शब्बीर खां, शफीक खां, शरीफ खान गुड्डी उर्फ सायरा, समीम, आसमीन, समाड़ी, खरूनी, सायरी व 10-15 अन्य लोगों के साथ गाड़ी में सवार होकर आए और भतीजे, भाई व परिवार को जान से मारने की नीयत जानलेवा हमला कर दिया। सभी आरोपियों ने परिवार पर पत्थरबाजी भी की। मुमताज खां व अन्य लोगों ने शिकायतकर्ता के भाई मुबारक खां व भतीजे याकूब खां को जान से मारने की नीयत से लाठी-सरियों से जानलेवा हमला किया। घटना में मुबारक खां व याकूब खां गंभीर रूप घायल हो गए। जिन्हें जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान याकूब खां ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी और आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण को साबित करने के लिए चश्मदीद गवाह (परिवादी) बसीर खां, महबूब ने 24 गवाह और 40 दस्तावेदी साक्ष्य पेश किए गए। इसके बाद जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और बहस हुई। मामला 10 साल तक कोर्ट में चला। इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 20 हजार का जुर्माना लगाया गया। इन्हें सुनाई उम्रकैद की सजा शफीक अहमद (30), मोहम्मद हनीफ उर्फ ईदू (43), शरीफ अहमद (37), सुभाष चंद्र (23), मुमताज खां, शब्बीर खां, सायरा बानो उर्फ गुड्डी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाने के बाद आरोपियों को कोर्ट से सीधा जेल भेज दिया गया। आरोपी उम्र कैद की सजा सुनने के बाद मायूस दिखे और चेहरे पर उदासी छाई रही।

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