‘मैंने जीवन के 24 साल एक ऐसे घर में बिताए, जहां कोई खिड़की नहीं थी। लेकिन फिर भी मैं सपने देखता था।’ ये शब्द हनी सिंह के हैं। सिंगर आज अपना 42वां बर्थडे मना रहे हैं। उनके पास देश के सबसे बड़ा रैपर होने के साथ-साथ सबसे कंट्रोवर्शियल आर्टिस्ट का भी टैग है। हनी वो कलाकार हैं, जिनके गाने एक दशक से ज्यादा समय से हर शादी और क्लब में बजते हैं। छोटी सी जगह से निकलकर देश-दुनिया में छाने वाले हनी ने सफलता का गजब स्वाद चखा। लेकिन फिर करियर के पीक पर सब छोड़ छाड़ कर एक कमरे में सिमट गए। करियर का ग्राफ जब ऊपर उठ रहा था, तब वो खुद को खुदा मानने लगे। और जब दुनिया से मोह भंग हुआ तो भगवान से मौत की दुआ मांगने लगे। हनी की लाइफ में सफलता और विवाद साथ-साथ चलते हैं। कमबैक के बाद उनका नया गाना ‘मैनियक’ सुर्खियों के साथ विवादों में भी है। उनके ऊपर नेटफ्लिक्स के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री ‘यो यो हनी सिंह: फेमस’ को IIFA 2025 में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का खिताब भी मिला है। रैपर के बर्थडे पर जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़े डार्क चैप्टर और कमबैक की कहानी… 13 साल की उम्र में बने नास्तिक हनी सिंह का असली नाम हिरदेश सिंह हैं। उनकी मां उन्हें प्यार से हनी बुलाती थीं, जो बाद में जाकर उनकी पहचान ही बन गई। म्यूजिक की दुनिया में आने के बाद हनी ने नाम के आगे यो-यो लगाया, जो उन्होंने अपने अमेरिकी-अफ्रीकी दोस्तों से स्लैंग में सीखा था। सिंगर का परिवार लाहौरी पंजाबी है। बंटवारे के बाद उनके दादा भारत आ बसे। हनी का बचपन दिल्ली की करमपुरा की रिफ्यूजी कॉलोनी में बीता। उनकी मां भूपिंदर कौर शुरू से ही बहुत स्प्रिचुअल रहीं। उनके घर में भक्ति कीर्तन का माहौल रहता था। इसका असर हनी पर भी रहा। वो स्कूल में पढ़ाई के अलावा तबला बजाते थे। सिख फैमिली से आते थे, इस वजह से वो केश भी रखते थे। लेकिन 13 साल की उम्र में कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें वो केश हटाने पड़े। एक इंटरव्यू में हनी बताते हैं कि उनके बालों में ड्रैडलॉक्स बनने लगे थे, जिसको हटाने की वजह से उनकी जूड़ी छोटी होती गई। फिर स्कूल में उनका मजाक बनने लगा। इस बात से परेशान होकर हनी ने अपनी मां से कहकर बाल ही कटवा दिए। अगले दिन जब वो स्कूल असेंबली में तबला बजाने सिर पर रुमाल बांधकर पहुंचे तो प्रिंसिपल ने उन्हें वहां से जाने को बोल दिया। इस बात का हनी पर इतना गहरा असर हुआ कि उन्होंने तबला बजाना छोड़ दिया और नास्तिक बन गए। पिता से बचपन से अच्छे नहीं रहे रिश्ते हनी का अपने पिता से रिश्ता बचपन से ही खराब रहा है। हनी की एक बहन हैं। उनकी बहन गुड़िया हमेशा से पापा के ज्यादा करीब थीं और हनी अपनी मां से। बचपन में जब उन्होंने अपने केश हटाए, उस वक्त उनके पिता सरदार सरबजीत सिंह ने उनसे दो-ढाई साल तक बात नहीं की। हनी एक इंटरव्यू में कहते हैं- ‘मैंने केश कटाए तो पापा ने मुझे दिल से दूर कर दिया। मुझे गलत बातें बोलते थे। हमारे बीच बहुत दूरियां आ गई।’ दोनों के रिश्ते आगे चलकर इतने खराब होते गए कि उनके पिता ने उनको घर से ही निकाल दिया। वो रोहिणी में अपने गुरु के दिए एक कमरे के फ्लैट में रहने लगे। ‘ब्राउन रंग’ को दिलजीत ने गाने से किया था मना हनी म्यूजिक की दुनिया में अपनी मां की वजह से आगे बढ़े। घर में मां ही उनके म्यूजिक को बढ़ावा देती थीं। दरअसल, हनी की मां सिंगर बनना चाहती थीं लेकिन उनके पिता ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। जब हनी ने म्यूजिक बनाने की इच्छा जाहिर की तो पति की नाराजगी के बाद भी भूपिंदर कौर बेटे के सपने को सींचती रहीं। हनी की डॉक्यूमेंट्री में वो कहती हैं कि बेटे के जरिए वो अपना सपना जी रही थीं। ब्राउन रंग हनी सिंह का पहला सोलो गाना था। बतौर रिकॉर्डिंग आर्टिस्ट करियर शुरू करने वाले हनी इस गाने से पहले म्यूजिक डायरेक्टर ही थे। इस गाने को हनी सिंह ने दिलजीत दोसांझ के लिए लिखा था। दोनों ने साथ में पहले भी काम किया था। हनी चाहते थे कि दिलजीत इसे गाएं। लेकिन गाने में बहुत अंग्रेजी होने की वजह से दिलजीत ने इसे गाने से मना कर दिया। फिर हनी इस गाने के एक दूसरे आर्टिस्ट के पास ले गए, उन्हें वहां से भी इनकार सुनने को मिला। दो साल तक गाना ऐसे ही पड़ा रहा, फिर उन्होंने तय किया कि वो ब्राउन रंग गाएंगे। ये गाना साल 2011 में रिलीज हुआ था। ये हनी सिंह के एलबम ‘इंटरनेशनल विलेजर’ का पार्ट था। गाने का वीडियो 2012 के फरवरी में रिलीज किया गया था। उस साल ये यूट्यूब का सबसे अधिक ट्रेडिंग वीडियो बना। एशिया में म्यूजिक चार्ट में नंबर वन गाना रहा। इस गाने से हनी सिंह को वो पहचान मिली जो वो सालों से बनाने की कोशिश कर रहे थे। जीवन में सफलता और नशा साथ चल रहा था 2012 वो साल था, जब हनी सिंह की जिंदगी में दौलत, शोहरत के साथ नशे की एंट्री हुई। उन्होंने शराब के साथ-साथ अलग-अलग तरह के नशे को आजमाना शुरू कर दिया था। वो इन सब में इतना खो गए थे कि पत्नी और मां-बाप सबको भूल गए। उनकी लाइफ में दूसरी औरतों की एंट्री होने लगी थी। उनका ऐसा कहना है कि उनके अंदर शैतानी ताकतें आ गई थी, जो उनसे ये सब करवा रही थीं। हनी ने सैटनिक पावर के ऊपर ‘वीड पिला दे सजना’ नाम से एक पूरा वीडियो डेडिकेट किया था। एक इंटरव्यू में हनी बिना नाम लिए बताते हैं कि इंडस्ट्री के कुछ बड़े नाम थे, जिन्होंने उन्हें ये सब करने के लिए उकसाया। उसके बाद वो पीने लगे। शुरुआत में चार-पांच गांजा रोल से भी उनका कुछ नहीं होता था। फिर धीरे-धीरे उन्हें लत लग गई और उन्हें गांजा बनाने के लिए एक लड़के को नौकरी पर रख लिया था। महिला विरोधी गाने और अश्लीलता फैलाने का आरोप दो हप्ते पहले उनका ‘मैनियक’ गाना रिलीज हुआ है और इस गाने में इस्तेमाल हुए डबल मीनिंग लिरिक्स की वजह से मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। लेकिन ये पहली बार नहीं है, जब सिंगर पर आरोप लगे हों। साल 2012 तक हनी की पहचान बन चुकी थी। उनके गानों में महिलाओं को अब्जेक्टिफाई करने के अलावा शराब, ड्रग्स की बातें होती है। गाने के बोल महिला विरोधी होने के बावजूद यूथ को उनके गाने पसंद आ रहे थे। लेकिन उसी साल निर्भया गैंगरेप घटना हुई, जिसके बाद से लोगों ने हनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनके शो कैंसिल हुए, वह रियलिटी शो के जजिंग पैनल से हटाए गए, कई जगह एफआईआर दर्ज हुई। करियर की शुरुआती दौर में गाए ‘वैल्यूम-1’ और ‘मैं हूं बलात्कारी’ जैसे गाने के लिए उनकी खूब आलोचना हुई। लेकिन हनी ना सिर्फ उस समय बल्कि आज भी कहते हैं कि उन्होंने वे गाने नहीं गए हैं। साथ ही, वो अपने गानों को डिफेंड करते हुए गुलजार, मोहम्मद रफी और बॉलीवुड के कई कलाकारों को कटघरे में खड़े करते हैं। वो कहते हैं कि मैं यही सब सुनकर बड़ा हुआ हूं। और जब इनके गाने अश्लील नहीं तो मेरे कैसे हुए। पत्नी ने लगाया घरेलू हिंसा का आरोप हनी सिंह ने करमपुरा की लड़की शालिनी तलवार से 23 जनवरी 2013 को शादी की थी। शालिनी उनके कॉलेज का प्यार थीं, जिनसे वो ट्यूशन के दौरान मिले थे। 2023 में शालिनी ने हनी सिंह, उनके पिता, मां और बहन पर कई संगीन आरोप लगाते हुए दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि 10 सालों से वो शादी में घरेलू हिंसा झेल रही थीं। सिंगर के कई सारी लड़कियों से अवैध संबंध थे और जब वो पूछती तो वो उन्हें मारते थे। यही नहीं शालिनी ने हनी सिंह के पिता पर नशे में गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया था। मां भूपिंदर कौर और बहन गुड़िया पर भी दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। बाद में दोनों के बीच सेटलमेंट हुआ। लेकिन जब ये मामला सामने आया था, उस वक्त सिंगर ने इसे मानने से इनकार किया था। बाद में कई इंटरव्यू में वो ये कहते सुने गए कि सेपरेशन के बाद से उनकी सेहत में सुधार हुआ है। बीमारी के दौरान नास्तिक से आस्तिक बने करियर की बुलंदी पर होते हुए भी साल 2014-2015 में उन्होंने हेल्थ कंसर्न की वजह से ब्रेक लिया। हनी बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे। वो घर में कैद हो गए। साढ़े तीन साल तक घर से बाहर नहीं निकले। वो किसी से फोन पर बात नहीं करते थे। न ही वो रेडियो, टीवी या सोशल मीडिया देखते थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उस फेज में उन्हें रनिंग इंफॉर्मेशन से डर लगता था। पहले तो वो लोगों से मिलना या बात नहीं करना चाहते थे। लेकिन कभी-कभार वॉयस नोट पर बात करते थे। जिंदगी के सात साल उन्होंने सिर्फ चार लोगों के साथ गुजारे, वो भी ऐसे जैसे कि वो उनके लिए हैं ही नहीं। सिंगर ने बचपन की एक घटना की वजह से भगवान को मानना छोड़ दिया था। लेकिन जब वो बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे, तब उन्हें वापस भगवान की शरण में जाना पड़ा। अपने कमबैक को हनी भोलेनाथ का चमत्कार बताते हैं। अब वो भगवान शिव को अपना इष्ट देव मानने लगे हैं। वो बताते हैं कि साल 2021 में वो हरिद्वार के नीलेश्वर धाम मंदिर में गए और तब से वो खुद में बदलाव महसूस करने लगे। हनी का मानना है कि उस मंदिर में जाने के बाद उनके अंदर हिम्मत, कॉन्फिडेंस आया। उन पर चल रहे कोर्ट के मामले खत्म होने लगे थे। बहुत सारा जबरदस्त काम और पांच बेटियों की ख्वाहिश कमबैक को लेकर हनी सिंह अक्सर विवादों में रहे हैं। उनके कमबैक पर सवाल उठाते हुए उनके कंपटीटर रैपर्स ने गाने तक बनाए हैं। फिलहाल, हनी ‘ग्लोरी’ एलबम और अपनी डॉक्यूमेंट्री से कमबैक कर चुके हैं और चर्चाओं में हैं। इस एल्बम में 10 गाने हैं, जिसमें से एक गाना ‘मिलेनियर’ रिलीज हो चुका है। और वो लगातार दावा कर रहे हैं कि अगले दो-तीन साल में ऐसा काम करके दिखाएंगे, जिसे दुनिया हिल जाएगी। हनी ने फरवरी में अपना मिलियनेयर टूर शुरू किया है, जो देश के 10 शहरों में होना है। इसके साथ ही हनी को पांच बेटियों की ख्वाहिश है। वो चाहते हैं कि उनकी पांच बेटियों हो, जो उनकी म्यूजिक लीगेसी को आगे ले जाएं। बॉलीवुड की ये खबर भी पढ़ें.. पहली फिल्म हिट, फिर गलत फिल्में चुनीं:आमिर खान के 60 साल: शूटिंग के बाद घर में रोते थे, आज बन गए सिनेमा के जादूगर सिनेमा के जादूगर कहे जाने वाले मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान आज 60 साल के हो गए हैं। एक्टर की बतौर हीरो पहली फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इस फिल्म के बाद आमिर खान को आइडिया नहीं था कि फिल्मों का चयन किस तरह से करना चाहिए। पूरी खबर पढ़ें…