भीलवाड़ा में राजमेस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने आंदोलन के आज आठवें दिन महात्मा गांधी हॉस्पिटल से जिला कलेक्टर कार्यालय तक हाथों में तख्तियां ले कर रैली निकाली और आरएसआर की मांग की । पिछले आठ दिन से हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स टीचर्स का कहना है कि सरकार ने बजट में राज्य सेवा नियम लागू करने की घोषणा की थी लेकिन अब इन नियमों को सभी डॉक्टर टीचर पर लागू न कर 1 अगस्त 2024 के बाद नियुक्त होने वाले डॉक्टर टीचरों पर ही लागू कर रहे हैं। इसको लेकर राजमेस मेडिकल कॉलेज के 950 डॉक्टर इसके विरोध में हड़ताल पर हैं। भीलवाड़ा में भी पिछले आठ दिन से करीब 102 डॉक्टर इससे प्रभावित हो रहे हैं। भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज की डॉ लीना जैन ने बताया कि हम लोग पिछले आठ दिन से हड़ताल पर हैं। आज हमने इसी आंदोलन के तहत महात्मा गांधी हॉस्पिटल से जिला कलेक्टर कार्यालय तक हाथों में तख्तियां कीकर रैली निकाली है । सरकार के भेदभाव के कारण हम आहत हैं इसलिए अपना ज्ञापन लेकर जिला कलेक्टर के पास आए हैं। राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी ( राजमेस ) इसके 17 मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के केड़र को राज्य सरकार ने डाई ( मुर्दे ) के समान घोषित कर दिया है। इसका सभी डॉक्टर टीचर विरोध कर रहे हैं। भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में 102 डॉक्टर टीचर है। इसमें नॉन क्लीनिकल और क्लीनिकल दोनों तरह के हैं। सरकार ने बजट में घोषणा की थी कि राजमेस में भी राज्य सेवा नियम अडॉप्ट किए जाएंगे लेकिन वित्त विभाग व राजमेस नियमों को वर्तमान में कार्य कर रहे रहे डॉक्टर टीचर पर लागू नहीं करके एक अगस्त 2024 के बाद में नवनियुक्त डॉक्टर टीचर्स पर लागू करने तथा वर्तमान में कार्य डॉक्टर टीचर को डाइंग कैडर घोषित करने का गलत निर्णय लिया है। यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई और हमें सामान सैलेरी स्ट्रक्चर के तहत राहत नहीं मिली तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा। रैली के इस दौरान बड़ी संख्या में राजमेस से जुड़े डॉक्टर टीचर मौजूद थे , उन्होंने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के बाद ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया ।