हेरिटेज निगम अधिकारियों की ओर से चांदी की टकसाल पर भरने वाले बारिश के पानी की निकासी के लिए की गई प्लानिंग पहली ही मानसून की बारिश में फेल साबित हो गई है। अधिकारियों ने बारिश के पानी निकासी के लिए चांदी की टकसाल से कंवर नगर स्थित रतन बिहारीजी मंदिर तक 2 करोड़ रुपए की लागत से 6 महीने पहले ही ड्रेनेज सिस्टम का काम किया है, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम बनाने के बाद भी लोगों और दुकानदारों को फायदा नहीं हुआ है। यहां सड़क पर पहले की तरह 3-3 फीट तक बारिश का पानी भर रहा है और इसमें से लोगों को गुजरना पड़ रहा है। अब भी बारिश के दौरान आए दिन ट्रैफिक जाम रहता। लोगों के घरों और दुकानों में पहले की तरह पानी भर रहा है। हालात यह है कि ड्रेनेज सिस्टम डालने के बाद भी बड़ी चौपड़ और सुभाष चौक की तरफ से आने वाला पानी सड़क पर पहले की तरह ज्यों का त्यों भरा रहता है। कई घंटे तक पानी सड़क से नहीं निकल रहा। सड़क के बीच में डाला ड्रेनेज ऊंचा, दोनों साइड नीचे हेरिटेज निगम ने एक साल पहले ड्रेनेज सिस्टम डालने के लिए 2 करोड़ रुपए का टेंडर किया था। ठेकेदार ने 6 महीने पहले ही काम पूरा करके भुगतान भी उठा लिया। ड्रेनेज सिस्टम डालने के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिली है। अब भी 3 फीट तक पानी भरा रहता है। पानी भरने की मुख्य वजह ड्रेनेज सिस्टम सड़क के बीच में डाला गया है। जहां पर ड्रेनेज सिस्टम डाला गया है, वह जगह बीच में से ऊंची हो गई है, जबकि दोनों साइड की जगह नीचे हो गई है। ऐसे में पहले दोनों साइड में पानी भरता है। इसके बाद ड्रेनेज सिस्टम के तहत लगाई गई जाली तक पानी पहुंचता है, तब जाकर पानी की निकासी होती है। इससे पहले मकान और दुकानें नीचे होने की वजह से उनमें पानी भर जाता है। इतना ही नहीं बारिश में पानी में बहाव के साथ आने वाले कचरे, प्लास्टिक, कपड़े और पत्थर की वजह से निकासी के लिए लगाई गई जाली बंद हो जाती है। इस वजह से ड्रेनेज सिस्टम में पानी नहीं जा पाता और सड़क पर भर जाता है।