प्रदेश में रविवार को पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था। तीन घंटे में डोनर विष्णु के ऑर्गन हार्ट और लंग्स जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल, किडनी और लिवर को जोधपुर के एम्स पहुंचाया गया था। इसके बाद राजस्थान में पहली बार लंग्स (फेफड़ों) ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा। एसएमएस हॉस्पिटल में हुए इस ट्रांसप्लांट के बाद अब 23 साल की युवती की हालत स्थिर बनी हुई है। सीटीवीएस की टीम मरीज के एक-एक मिनट के मूवमेंट पर नजर बनाए हैं। ऑपरेशन करने वाली टीम के हेड डॉक्टर राजकुमार यादव ने बताया कि मरीज को अभी आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा है। दो-तीन दिन ऐसी ही स्थिति में रखा जाएगा। इधर, डोनर विष्णु की किडनी और लिवर जोधपुर एम्स भेजे गए थे। यहां रविवार देर रात 2 बजे ट्रांसप्लांट का प्रोसेस पूरा हुआ। यहां जिस युवक को ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया है, वह बिजनेसमैन है। डॉक्टर बोले- हार्ट और लंग्स काम कर रहे हैं
डॉक्टर यादव ने बताया- ये उत्तर भारत में इतिहास है। उन्होंने बताया कि शायद ही उत्तर भारत में कहीं लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया हो। हमने और हमारी टीम ने पूरी मेहनत के साथ काम को पूरा किया। उन्होंने बताया कि मरीज के जो हार्ट और लंग्स लगाए गए हैं, वह वर्क कर रहे हैं, लेकिन फिर भी हमने अभी पूरी बॉडी को पंप पर रख रखा है। बता दें अभी दक्षिण भारत के चेन्नई या दूसरे शहरों में ही लंग्स ट्रांसप्लांट होते हैं। एक ही मरीज के लंग्स और हार्ट (कॉम्बो ट्रांसप्लांट) एक साथ ट्रांसप्लांट होने का ये पहला केस है। हर पैरामीटर का मिनट-टू-मिनट एग्जामिन
डॉक्टर यादव ने बताया- मरीज के हर पैरामीटर और उस ऑर्गन के फंक्शन का मिनट-टू-मिनट एग्जामिन कर रहे हैं। ताकि ये देखा जा सके कि हर फंक्शन का रिस्पॉन्स तो ठीक आ रहा है न। यूरिन आउटपुट, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल आदि पर नजर बना रखी है। डॉक्टर ने बताया- मरीज के सभी अंग अभी वर्क तो कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उसे वेंटिलेटर सपोर्ट (पम्प सपोर्ट) पर रखा है। इसे दो दिन बाद ही हटाया जाएगा। जब तक आश्वस्त नहीं हो जाते कि सभी अंग अच्छे से वर्क कर रहे हैं और उनके सपोर्ट पर मरीज ठीक रहेगा, तब तक वेंटिलेटर सपोर्ट जारी रहेगा। जोधपुर के मरीज का देर रात 2 बजे ट्रांसप्लांट हुआ पूरा
झालावाड़ में ब्रेनडेड हुए युवक की किडनी और लिवर जोधपुर एम्स में एडमिट 33 वर्षीय व्यक्ति को लगाई गई। डॉक्टरों की टीम ने रविवार देर रात 2 बजे तक ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को पूरा किया। जिस युवक के ऑर्गन लगाए गए हैं वो बीकानेर जिले का रहने वाला है और बिजनेसमैन है। मरीज कुछ समय से किडनी और लिवर की परेशानी से जूझ रहा था। परिजनों ने अहमदाबाद और जयपुर में कई जगह पर दिखाया, जहां डॉक्टरों ने डायलिसिस शुरू कर दी गई। इसके बाद परिजन एम्स लेकर आए, जहां ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई। इसके बाद विष्णु के ऑर्गन मरीज में ट्रांसफर किए गए। 10 दिसंबर को झालावाड़ के एक युवक विष्णु (33) को एसआरजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। विष्णु का झगड़ा हुआ था और उसे सिर में चोट लगी थी। सिर के ऑपरेशन के बाद भी 13 दिसंबर को वह ब्रेनडेड हो गया था। इसके बाद परिजनों ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए परमिशन दी थी। विष्णु के हार्ट, किडनी, लिवर, फेफड़े और कॉर्निया डोनेट किए गए थे। ट्रांसप्लांट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हेलिकॉप्टर से जयपुर-जोधपुर पहुंचाए हार्ट, किडनी और फेफड़े:ब्रेनडेड युवक के आठ अंग डोनेट किए, बचाई 3 जिंदगी; झगड़े में लगी थी चोट
राजस्थान में पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। तीन घंटे के अंदर हेलिकॉप्टर ने झालावाड़ से जयपुर और जोधपुर में हार्ट-किडनी-लिवर पहुंचाए। अंग सुरक्षित रहें, इसलिए जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल और जोधपुर एम्स के एक किलोमीटर के दायरे में ही हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। (यहां पढ़ें पूरी खबर)