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₹30 लाख के होम-लोन पर अब हर महीने ₹1000 बचेंगे:PNB ने ब्याज दर घटाकर 7.45% की, तीन अन्य बैंकों ने भी घटाई दरें

चार सरकारी बैंकों के लोन सस्ते हो गए हैं। RBI की ओर से रेपो रेट में की गई 0.50% की कटौती के बाद इन सरकारी बैंकों ने भी अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 0.50% कम कर दिया है। इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल है। पंजाब नेशनल बैंक ने बताया कि अपना उसके होम लोन की दर 7.45% से शुरू होगी। पहले ये दर 8% से शुरू होती थी। वहीं व्हीकल लोन का इंटरेस्ट रेट अब 7.80% से शुरू होगा। अन्य तीन बैंकों ने अभी अपनी नई दरें अपडेट नहीं की है। बस RLLR घटाने की जानकारी दी है। ताजा कटौती के बाद पीएनबी के 20 साल के ₹30 लाख के लोन पर ईएमआई 1017 रुपए घट जाएगी। इसी तरह 30 साल के ₹30 लाख के लोन पर ईएमआई 1139 रुपए घट जाएगी। नए और मौजूदा ग्राहकों दोनों को इसका फायदा मिलेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा ने RLLR घटाकर 8.35% की इस ब्याज दर कटौती का फायदा उन सभी लोगों को होगा, जिनके लोन RLLR से जुड़े हैं… नए लोन लेने वालों के लिए: अगर आप नया होम लोन, ऑटो लोन लेने की सोच रहे हैं, तो अब आपको कम ब्याज देना होगा। उदाहरण के लिए, बैंक ऑफ बड़ौदा में नए होम लोन की ब्याज दर पहले 8% से शुरू होती थी अब ये घटकर करीब 7.50% हो जाएगी। पुराने लोन वालों के लिए: जिन लोगों ने पहले से RLLR से जुड़ा फ्लोटिंग रेट होम लोन लिया है, उनकी ब्याज दर भी अगले रीसेट पीरियड में कम हो जाएगी। इससे या तो उनकी EMI कम होगी, या लोन की अवधि घट जाएगी। अगर लोन फिक्स्ड रेट से जुड़ा है, तो फायदा नहीं मिलेगा। RBI के मानदंडों के अनुसार, फ्लोटिंग-रेट लोन को बेंचमार्क रेपो रेट के अनुरूप रीसेट किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि मौजूदा उधारकर्ताओं को दरों में स्वतः कमी देखने को मिलेगी। हालाँकि, नए उधारकर्ताओं को पूरा लाभ नहीं मिल सकता है, क्योंकि बैंकों से मार्जिन की सुरक्षा के लिए रेपो दर पर लगाए जाने वाले स्प्रेड को समायोजित करने की अपेक्षा की जाती है। अगर रेपो रेट कम होता है, तो RLLR भी घट जाता है RLLR के आधार पर बैंक अपने लोन की ब्याज दर तय करते हैं। ये रेपो रेट से सीधे जुड़ा होता है। अगर रेपो रेट कम होता है, तो RLLR भी कम हो जाता है, और लोन की ब्याज दरें भी घट जाती हैं। RLLR में बैंक रेपो रेट के ऊपर अपना एक मार्जिन जोड़ता है, ताकि उनके खर्चे और मुनाफा कवर हो सके। उदाहरण:
मान लीजिए रिजर्व बैंक का रेपो रेट 5.50% है और बैंक 2.65% मार्जिन जोड़ता है, तो RLLR 8.15% हो जाएगा। ब्याज दर तय करने के लिए RLLR में क्रेडिट रिस्क प्रीमियम जोड़ा जाता है, जो क्रेडिट प्रोफाइल पर बेस्ड होता है। अगर RLLR 8% है और आपका क्रेडिट रिस्क प्रीमियम 0.5% है, तो आपकी होम लोन की ब्याज दर होगी 8.5%। अब दो जरूरी सवालों के जवाब… 1. क्या पुराने और नए लोन दोनों पर समान फायदा मिलेगा? RBI के नियमों के मुताबिक, फ्लोटिंग रेट लोन को रेपो रेट के हिसाब से समय-समय पर रीसेट करना जरूरी है। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने पहले से लोन लिया है, उनकी ब्याज दर अपने आप कम हो जाएगी, क्योंकि बैंक को रेपो रेट के घटने का फायदा देना पड़ता है। लेकिन, नए लोन लेने वालों को शायद पूरा फायदा न मिले। ऐसा इसलिए, क्योंकि बैंक अपने मुनाफे को बचाने के लिए रेपो रेट के ऊपर जो अतिरिक्त मार्जिन यानी, स्प्रेड जोड़ते हैं, उसे बढ़ा सकते हैं। 2. क्या पुराने लोन वाले फिक्स्ड से फ्लोटिंग में स्विच कर सकते हैं? अगर आपका लोन MCLR या फिक्स्ड रेट से जुड़ा है, तो आप बैंक से बात करके इसे RLLR में स्विच कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ फीस देनी पड़ सकती है। अगर आपका लोन अभी शुरुआती सालों में है, तो स्विच करने से लंबे समय में ब्याज की बचत हो सकती है। RBI ने रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.50% किया था RBI ने रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.50% कर दिया था। इस कटौती का फैसला मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की 4 से 6 जून तक चली मीटिंग में लिया गया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 जून को इसकी जानकारी दी थी। इस साल 3 बार घटा रेपो रेट, 1% की कटौती हुई RBI ने फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी। दूसरी बार अप्रैल में हुई मीटिंग में भी ब्याज दर 0.25% घटाई गई। अब तीसरी बार दरों में कटौती हुई है। यानी, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने तीन बार में ब्याज दरें 1% घटाई हैं।

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