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अगले एक साल में सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस फर्म सिटीबैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2025 के मध्य तक सोने की कीमत 3000 डॉलर (2.5 लाख रुपए) प्रति औंस यानी 88,450 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। यह अभी की सोने की कीमत 73,339 रुपए प्रति से 23% ज्यादा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी लेबर मार्केट में कमजोरी और मंदी जैसे कारणों से अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटा सकता है। इससे साल के अंत तक सोने और चांदी की कीमत में तेजी आ सकती है। ऐसे में इस समय सोने में निवेश आपको फायदा दिला सकता है। अगर आप भी सोने में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड ETF में निवेश एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसने बीते 1 साल में 24% तक का रिटर्न दिया है। ऐसे में यहां हम आपको गोल्ड ETF के बारे में बता रहे हैं… सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है ETF
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है। एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना। वह भी पूरी तरह से प्योर। गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा। गोल्ड ETF में निवेश करने के 5 फायदे इसमें कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं। ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है।

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