राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं परीक्षा में एक छात्र को पेपर देने के बावजूद संस्कृत विषय में गैरहाजिर घोषित कर दिया गया। मामला बूंदी जिले के अंधड़ा गांव का है। यहां राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्र दिनेश मेघवाल ने सभी विषयों की परीक्षा दी थी। हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और गणित में अच्छे अंक आए, लेकिन संस्कृत में उसे गैरमौजूद दिखाया गया। दिनेश का सपना था कि वह 80 से 90 प्रतिशत अंक लाए, लेकिन बोर्ड की इस गलती ने उसका सपना तोड़ दिया। दिनेश के पिता मजदूरी करते हैं। पूरे परिवार को उससे उम्मीदें थीं। परिणाम आने के बाद जब संस्कृत में गैरमौजूद लिखा देखा, तो परिवार टूट गया। स्कूल प्रशासन का कहना है कि हो सकता है कॉपी गुम हो गई हो या नंबर जुड़ने से रह गए हों। समाधान के लिए छात्र को अजमेर स्थित बोर्ड कार्यालय भेजा गया है, लेकिन छात्र और उसके परिवार को इससे कोई राहत नहीं मिली। उनका कहना है कि बोर्ड की लापरवाही ने भविष्य को खतरे में डाल दिया है। यह पहली बार नहीं है जब बोर्ड की लापरवाही सामने आई है। पहले भी कई छात्र इस तरह की गलती का शिकार हो चुके हैं। इस मामले में राजस्थान बोर्ड के सचिव कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि प्रिंसिपल का भेजा हुआ पत्र मिल गया है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। अगर लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होगी।