जयपुर में 11 युवतियों से शादी के लिए 1900 युवकों के इंटरव्यू हुए। युवकों के घर-व्यवसाय को देखा गया। चयनित युवकों को लेकर शादी करने वाली युवतियों से राय ली गई। सहमति मिलने पर रिश्ता तय किया गया। शुक्रवार को राज्य महिला सदन सांगानेर में इन 11 युवतियों की शादी हुई। शादी में सीएम भजनलाल शर्मा भी पहुंचे। दरअसल, सरकार ने इन बेटियों की शादी के लिए योग्य युवकों के आवेदन मांगे थे। दिलचस्प बात यह रही कि विभाग को प्रदेशभर से 1900 से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसमें फिल्टर करके सैकड़ों की संख्या में युवकों के घर जाकर उनका कामकाज और व्यवसाय देखा। चयनितों का इंटरव्यू लिया गया। इनमें से भी कुछ चयनितों को चुनकर युवतियों की राय ली गई। युवतियों की सहमति के बाद रिश्ता तय किया गया। ये युवतियां कभी समाज से उपेक्षित थीं। इन 11 युवतियों के लिए 6 युवक जयपुर जिले से चयनित हुए हैं। इसके अलावा एक-एक झुंझुनूं, बारां और कोटा से है। दाे डीडवाना-कुचामन जिले से है। 100 से अधिक युवतियों की करवा चुके शादी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से साल 2005 से 2022 तक 100 से अधिक युवतियों की शादी की गई। विभाग का मकसद संभाग स्तरीय नारी निकेतनों और राज्य महिला सदनों का संचालन कर महिलाओं का सामाजिक और पारिवारिक पुनर्वास करना है। इन सदनों में 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों काे कोर्ट, पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वयं की इच्छा के आधार पर रखा जाता है। राज्य महिला सदन जयपुर में और नारी निकेतन जोधपुर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर और अजमेर जिले में चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री बोले- बेटियों के सम्मान और उनकी पसंद को प्राथमिकता दी गई
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए कार्य कर रही है। पिछले सामूहिक विवाह के बाद 1900 से अधिक युवकों ने आवेदन किया था। इनमें से 11 योग्य युवकों का चयन किया गया। चयन में बेटियों के सम्मान और उनकी पसंद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। सीएम ने 21-21 हजार रुपए की सहायता के चेक दिए
सीएम भजनलाल शर्मा ने दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 21-21 हजार रुपए की सहायता राशि के चेक दूल्हा-दुल्हन को दिए। इस मौके पर सीएम ने कहा- राज्य सरकार ने महिला कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। पिछले डेढ़ साल में 13 हजार से अधिक बेटियों को 71 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है।
