रेप के केस के मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम से उसका बेटा नारायण साईं 11 साल बाद मिला। नारायण साईं ने गुजरात कोर्ट में याचिका दायर कर मिलने की अनुमति मांगी थी, जिस पर कोर्ट ने 5 दिन की अंतरिम जमानत देते हुए उसके खर्च पर पुलिस गार्ड की व्यवस्था के आदेश दिए थे। निर्धारित राशि जमा करने के बाद नारायण साईं को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई। गुरुवार (25 जून) की सुबह नारायण साईं सूरत जेल से जोधपुर के पाल गांव स्थित आसाराम आश्रम पहुंचा और पिता से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। पिता की बिगड़ती तबीयत के चलते मिली जमानत
नारायण साईं को गुजरात हाईकोर्ट से पांच दिन की अंतरिम जमानत मिली, जो उसने पिता आसाराम की बिगड़ती तबीयत का हवाला देकर मांगी थी। कोर्ट ने मानवीय आधार पर राहत देते हुए शर्त रखी कि यात्रा और पुलिस सुरक्षा का पूरा खर्च खुद को वहन करना होगा। 11 साल पहले आखिरी बार दोनों तब मिले, जब आसाराम जोधपुर जेल में था और नारायण साईं गिरफ्तार नहीं हुआ था। यौन शोषण केस में आजीवन कारावास की सजा
नारायण साईं को सूरत की दो बहनों के साथ रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने केस दर्ज कराया था। छोटी बहन ने नारायण साईं के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था, जबकि बड़ी बहन ने उसके पिता आसाराम के खिलाफ शिकायत की थी। छोटी बहन के आरोप के अनुसार, नारायण साईं ने 2002 से 2005 के बीच उसके साथ कई बार रेप किया था। पीड़िता आसाराम के आश्रम की ‘सेविका’ थी। उसने सूरत के जहांगीरपुरा आश्रम, गांभोई आश्रम, पटना आश्रम, काठमांडू आश्रम और मध्य प्रदेश के मेघनगर आश्रम ले जाकर रेप करने का आरोप लगाया था। नारायण साईं की क्राइम फाइल: 58 दिनों तक पुलिस को दिया था चकमा आसाराम को गुजरात HC से एक सप्ताह की राहत
उधर, गुजरात हाईकोर्ट ने रेप केस में दोषी आसाराम की जमानत अवधि 7 जुलाई तक बढ़ा दी है। 30 जून को खत्म हो रही अवधि को वकीलों की दलीलों पर बढ़ाया गया। आसाराम के वकील ने NALSA से प्रमाण पत्र मिलना बाकी होने का हवाला दिया, जिसमें उनकी 70 साल से अधिक उम्र और टर्मिनल बीमारी की पुष्टि होनी है। विरोधी पक्ष ने इलाज के नाम पर अस्पताल बदलने का आरोप लगाया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि बार-बार अस्थायी जमानत बढ़ाना अंतहीन प्रक्रिया न बने। अगली सुनवाई में अंतिम फैसला हो सकता है।
