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डूंगरपुर जिले में 14 हजार से अधिक कॉलेज स्टूडेंट को 2 साल से स्कॉलरशिप का इंतजार है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कॉलेज स्टूडेंट को मिलने वाली उत्तर मेट्रिक स्कॉलरशिप का भुगतान नहीं हो पाया है। स्कॉलरशिप के लिए 22 करोड़ रुपए की डिमांड की है। स्कॉलरशिप नहीं मिलने से कॉलेज स्टूडेंट दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कॉलेज स्टूडेंट को उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति दिए जाने का रूल्स है। जिसके चलते डूंगरपुर जिले में हर साल करीब 27 हजार स्टूडेंट को स्कॉलरशिप दी जाती है, लेकिन डूंगरपुर जिले में एसटी सहित अन्य वर्ग के कॉलेज स्टूडेंट को पिछले 2 साल से 2022-23 और 2023-24 की स्कॉलरशिप के भुगतान का इंतजार है। जिसकी राशि करीब 22 करोड़ रुपए बताई जा रही है। एसटी वर्ग के स्टूडेंट की संख्या अधिक
डूंगरपुर जिले में 14 हजार 964 स्टूडेंट को 2 साल से स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। इन स्टूडेंट में सबसे अधिक संख्या एसटी वर्ग के स्टूडेंट की है। 14 हजार 964 स्टूडेंट में से 14 हजार 433 स्टूडेंट एसटी वर्ग के हैं। जिन्हें 2 साल से स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। वहीं शेष स्टूडेंट सभी वर्गों के हैं। ये बताया जा रहा कारण
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने स्टूडेंट को स्कॉलरशिप नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण बजट का अभाव बताया है। उन्होंने बताया कि एसटी वर्ग की स्कॉलरशिप का बजट केंद्र से नहीं आया है। उन्होंने बताया कि सभी स्टूडेंट के बिल बनाकर भेजे हुए हैं। एसबीपी कॉलेज के छात्र नेता तुषार परमार ने बताया कि जनजाति क्षेत्र होने के चलते आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण स्टूडेंट अपनी पढ़ाई के लिए सरकार से मिलने वाली स्कॉलरशिप पर ही निर्भर हैं, लेकिन इन कॉलेज स्टूडेंट को समय पर स्कॉलरशिप का भुगतान नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कॉलरशिप को लेकर वे कॉलेज और समाज कल्याण विभाग के कई बार चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कही से भी राहत नहीं मिली है।

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