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मेवाड़ के कृष्णधाम श्री सांवलियाजी में इस सावन महीने में भगवान के बाल स्वरूप शालिग्राम जी नए झूले में विराजे हैं। इस झूले को भेंट करने वाले श्रद्धालु ने अपना नाम गुप्त रखा है। यह झूला लकड़ी का बना हुआ है लेकिन इसमें 14 किलो 600 ग्राम की चांदी की परतें लगाई हुई हैं। इस झूले की कीमत लगभग 15 लाख रूपये बताई जा रही है। इसके अलावा ओसरा पुजारी ने भगवान सांवरा सेठ का नोटों से विशेष श्रृंगार किया है जो सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। भगवान शालिग्राम ने छोड़ा 35 साल पुराना झूला श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी द्वितीय नंदकिशोर टेलर ने बताया कि एक श्रद्धालु ने सावन महीने में सांवलिया जी मंदिर को लकड़ी पर चांदी चढ़ा कर बनाया गया विशाल झूला भगवान को भेंट किया गया है। मंदिर की स्थापित परंपरा के अनुसार कई सालों से श्रावण मास में मंदिर के चौक में चांदी का झूला लगाया जाता है। जिसमें भगवान के बाल स्वरूप शालिग्राम को विराजित किया जाता है। इस झूले को पूरे महीने आने वाले श्रद्धालु झूला झुलाते हैं। अभी यूज हो रहा झूला करीब 35 साल पहले मंदिर की ओर से निर्मित करवाया गया था। अब इस झूले का स्थान भेंट में आए नए झूले ने ले लिया है। मंदिर प्रशासन द्वारा भेंट करने वाले श्रद्धालुओं का परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया। 15 लाख के झूले पर विराजे भगवान उन्होंने बताया कि यह झूला पहले जालौर जिले के आकोली के हरी आर्ट के कारीगर पारस सुथार से लकड़ी से बनवाया। इसकी कीमत लगभग ढाई लाख रुपए की आई। इस पर 14 किलो 600 ग्राम चांदी की परतें चढ़ाई गई। जिले के ताणा के सांवलिया हैंडीक्राफ्ट वाले मनोज सोनी ने चांदी की यह परतें चढ़ाई। परतें चढ़ाने की मजदूरी एक लगभग एक लाख रुपए आई। कुल मिलाकर इस झूले की कीमत लगभग 15 लाख रुपए की बताई जा रही है। झूले की लंबाई 6 फीट, चौड़ाई 3 फीट और ऊंचाई 9 फीट है। नोटों से हुआ श्रृंगार मंडफिया स्थित श्री सांवलियाजी में ओसरा पुजारी नारायण दास और नितेश महाराज ने भगवान का नोटों से विशेष श्रृंगार किया। सेठों के सेठ कहलाने वाले सांवलियाजी का आज पूरा श्रृंगार अलग-अलग तरह के नोटों से किया गया। श्रृंगार में सांवरा सेठ को नोटों की पोशाक पहनाई गई। नोटों की माला चढ़ाई गई और नोटों का ही फूल चढ़ाया गया। नोटों से बना हुआ मुकुट धारण करवाया। इसके अलावा पिछवाई भी नोटों से ही बनाई गई। इसके लिए बड़ी मात्रा में 500, 200, 100 और 50 रुपये के नोटों का उपयोग किया गया। इसमें कुल 60 हजार रुपए के नोट यूज किए गए।

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