राजधानी में एक माह में 250 मिमी बारिश हुई है। इससे सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। शहरवासी सड़कों पर हिचकोले खा रहे हैं। निगम-जेडीए के सड़कों को दुरुस्त करने के दावों के बीच भास्कर के 2 रिपोर्टर, 4 फोटो जर्नलिस्ट और 10 भास्कर मित्रों ने 20 अलग-अलग सड़कों पर गड्ढे गिने। राजधानी में जब-जब बारिश होती है, निगम-जेडीए की पोल खुल जाती है। मानसून से पहले निगम नाला और ड्रेनेज सफाई का दावा तो करता है, लेकिन बारिश आते ही बंद पड़े ड्रेनेज सिस्टम अधिकारियों की पोल खोल देता है। मानसून आगमन पर तेज बारिश के चलते सड़क दुरुस्त भी नहीं हुई थी, अब बीती रात हुई 2.2 इंच बरसात ने सड़कों के पैचवर्क की गुणवत्ता की पोल खोल दी। खोखला हो चुका शहर का ड्रेनेज सिस्टम अब 2 से 3 इंच बारिश भी नहीं झेल पा रहा। जर्जर हो चुकी सीवर लाइनों पर बनी सड़कें धंस रही हैं। भास्कर ने कालवाड़ रोड, पृथ्वीराज नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर, जगतपुरा, दादी का फाटक, वैशाली नगर, सोड़ाला, हसनपुरा, मानसरोवर, प्रतापनगर, झालाना, राजापार्क, दिल्ली रोड और वीकेआई इलाके में 20 से ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त पाईं और इन इलाकों में 2042 छोटे-बड़े गड्ढे गिने गए। दादी का फाटक में बारिश से सड़क धंसी, कार गड्ढे में गिरी दादी का फाटक इलाके में बारिश के बाद सड़क बैठ गई। कारें गड्ढे में धंस गईं। झोटवाड़ा रीको एरिया, जलमहल के सामने कटाव से सड़क धंस गई। यहां पर करीब 365 गड्ढे मिले। सांगानेर: एयरपोर्ट के आखिरी छोर पर नाला बंद, सड़क डूबी सांगानेर में तेज बारिश के बाद एयरपोर्ट के आखिरी छोर पर नाला बंद होने से पूरी सड़क पर पानी भर गया। सांगानेर के साथ पृथ्वीराज नगर में 102 गड्ढे मिले। केसर चौराहा से मुहाना मंडी रोड मुहाना रोड के 4 किमी क्षेत्र के आसपास बनी सड़कों पर पूरी तरह गड्ढे हो गए। यहां 8-8 इंच तक गहरे गड्ढे हो गए। इस सड़क पर करीब 547 गड्ढे गिने गए। मुहाना मंडी से मानसरोवर एक्सटेंशन मुहाना मंडी मुख्य गेट के पास 8 इंच का गड्ढा हो गया। अनुकंपा प्लेटिना चौराहा पर 50 मीटर सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों पर दो माह में 20 हादसे हो चुके हैं, जिनमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इस क्षेत्र में 246 गड्ढे मिले। इस्कॉन मंदिर तिराहा से मानसरोवर करीब 2 किमी क्षेत्र में सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। बारिश में 447 से अधिक गड्ढे हो गए। इस्कॉन मंदिर तिराहा वाली सड़क तो पानी में बह गई। विजय पथ चौराहे से मुहाना मंडी रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। वैशाली से गांधी पथ वेस्ट वैशाली एस्टेट में 1 साल पहले बीसलपुर और गैस लाइन डाली गई। इस पर जगह-जगह गड्ढे हो गए। लोग विधायक और पार्षद से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ है। यहां करीब 335 गड्ढे गिने गए। जेडीए: 15 दिन में 267 शिकायतें 15 दिन में 267 शिकायतें आईं। 212 का निस्तारण किया जा चुका है। निगम: 7 दिन में 674 शिकायतें 7 दिनों में निगम में 674 शिकायतें आईं। इनमें से 200 का निस्तारण हो चुका है। अधिकारी फरमाते हैं, तो कर्मचारी जाते हैं और मिट्टी झोंक आते हैं… गड्ढों में नहीं, हमारी आंखों में “कई इलाकों में निगम की ड्रेनेज लाइनें बंद हैं। निगम को पत्र लिखा है कि ड्रेनेज लाइनें दुरुस्त करवाए, ताकि सड़कें खराब न हों।” -देवेन्द्र गुप्ता, डायरेक्टर इंजीनियर प्रथम, जेडीए “गड्ढे वाली सड़कों की सूची तैयार कर रखी है। बैरिकेड्स लगाकर मिट्टी के कट्टे डाले जा रहे हैं। करीब 40 हजार से अधिक कट्टे गड्ढों में भरे जा चुके हैं।” -डॉ. गौरव सैनी, आयुक्त, ग्रेटर निगम “गड्ढों की शिकायत कम आई है। सीवरेज लीकेज से सड़क धंसने की शिकायतें जरूर आई हैं। वहां मिट्टी के कट्टे डाले जा रहे हैं।” -डॉ. निधि पटेल, आयुक्त, हेरिटेज निगम